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दो साल के भाई को मेडिकल कॉलेज रेफर, ओपीडी में पर्चा बनवाने की लंबी लाइन में फंसी रही मां
अलीगढ़,
मलखान सिंह जिला अस्पताल की लापरवाही ने शनिवार को एक मासूम की जान ले ली। पर्चा बनवाने में देरी और इमरजेंसी सेवा में सुस्ती की वजह से पांच वर्षीय नूर फातिमा की इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं उसका दो वर्षीय भाई उजैद गंभीर स्थिति में जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
शहर के हड्डी गोदाम निवासी नौशाद की बेटी नूर फातिमा और बेटा उजैद उल्टी-दस्त से पीड़ित थे। शनिवार दोपहर को नौशाद अपनी पत्नी फरीन के साथ बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां ओपीडी काउंटर पर पर्चा बनवाने के लिए लंबी कतार लगी थी। जब फरीन पर्चा बनवाने पहुंचीं, तो कर्मचारी ने पहले लाइन में लगने को कहा और फिर ‘आभा आईडी’ बनाने की शर्त रखी। लेकिन फरीन को इसकी जानकारी नहीं थी।
इसी बीच दोनों बच्चों की हालत और बिगड़ने लगी और वे ओपीडी में ही उल्टियाँ करने लगे। यह देख लाइन में खड़े लोगों ने उन्हें तुरंत इमरजेंसी में ले जाने की सलाह दी। आनन-फानन में परिजन दोनों को इमरजेंसी लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उपचार शुरू किया। मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी – नूर फातिमा ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
उजैद की हालत गंभीर होने पर उसे जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
सीएमएस डॉ. जगवीर सिंह वर्मा ने बताया कि डायरिया से पीड़ित दो मासूमों को अस्पताल लाया गया था, जिनमें एक की मौत हो गई है।
यह हादसा अस्पताल की व्यवस्थाओं पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है, खासकर आपात स्थिति में त्वरित इलाज की प्रक्रिया को लेकर।