हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 30 अप्रैल: 2025,
नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2025 — केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देशव्यापी जातीय जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह निर्णय सामाजिक न्याय और जनसंख्यात्मक आंकड़ों की पारदर्शिता के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय “ऐतिहासिक और अत्यंत स्वागतयोग्य” है।
विपक्ष पर बोला हमला
मांझी ने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा,
“केंद्र सरकार का यह फैसला उन नेताओं के लिए भी एक सबक है, जो जातीय जनगणना का राग तो बहुत अलापते रहे, लेकिन दशकों तक सत्ता में रहने पर भी इसे लेकर कुछ नहीं किया।”
उन्होंने तंज कसते हुए यह भी कहा,
“जो लोग मोदी सरकार की नीयत पर शक करते थे और जाति जनगणना के मुद्दे पर दिन-रात राजनीति करते थे, अब वे कौन सा नया पैंतरा अपनाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।”
राजनीतिक असर और आगे की राह
जातीय जनगणना का यह निर्णय 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद सामने आया है, जिसे राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है। इससे सामाजिक योजनाओं के निर्धारण और संसाधनों के न्यायसंगत वितरण में मदद मिल सकती है।
अब यह देखना होगा कि सरकार इस जनगणना को किस समय और किन तरीकों से लागू करती है, और विपक्षी दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।