हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 13 जुलाई 2025
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने को लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अब सख्त रुख अपना लिया है। परिषद के सचिव भगवती सिंह द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि कई विद्यालय नियमित रूप से ऑनलाइन अटेंडेंस अपडेट नहीं कर रहे हैं, जिससे छात्रों की उपस्थिति और शैक्षणिक अनुशासन पर असर पड़ रहा है।
इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सचिव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (DIOS) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जनपदों के सभी माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को यह सुनिश्चित करने को कहें कि हर दिन कक्षाओं की शुरुआत से पहले पहले घंटे में शिक्षकों व छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अटेंडेंस दर्ज करने के दौरान लोकेशन (स्थान) नहीं मिलने की समस्या की तकनीकी समाधान की व्यवस्था की जाए ताकि उपस्थिति में कोई बाधा न आए।
इसके अतिरिक्त, सचिव ने नए नियुक्त शिक्षकों व संबद्ध (attached) शिक्षकों की जानकारी भी समय रहते पोर्टल पर अपडेट कराने का निर्देश दिया है, ताकि विभागीय रिकार्ड में सटीकता बनी रहे।
शिक्षक संगठनों ने जताई नाराजगी
माध्यमिक शिक्षा परिषद के इस निर्णय पर शिक्षक संगठनों ने नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था कई स्कूलों में अभी पूरी तरह लागू नहीं हो पाई है। दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्याएं हैं, जिससे समय पर उपस्थिति दर्ज करना मुश्किल होता है।
शिक्षक नेताओं ने इस फैसले को अव्यवहारिक बताते हुए कहा है कि यह व्यवस्था शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव डाल रही है। उन्होंने इसे तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इस आदेश को वापस नहीं लिया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।
परिषद का पक्ष
परिषद का मानना है कि ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था से स्कूलों की निगरानी बेहतर ढंग से हो सकेगी और शिक्षण कार्य में पारदर्शिता आएगी। छात्रों की नियमितता और शिक्षकों की जवाबदेही तय करने में यह तकनीक सहायक हो सकती है।
फिलहाल परिषद अपने निर्देशों को सख्ती से लागू कराने की तैयारी में है, जबकि शिक्षक संगठन इसके विरोध में मोर्चा खोल चुके हैं। ऐसे में आगे दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति बनने की आशंका है।