हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:12 जुलाई 2025
इजरायल-तुर्किए के बीच बढ़ी खींचतान, ट्रंप से की गई खास अपील
अमेरिका और इजरायल के बीच वर्षों से मजबूत राजनयिक और सैन्य संबंध रहे हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया है, लेकिन इसी बीच एक मुद्दे ने अमेरिका और इजरायल के रिश्तों में हल्का तनाव पैदा कर दिया है। मामला है तुर्किए को अमेरिका द्वारा अत्याधुनिक F-35 फाइटर जेट बेचने का।
तुर्किए की रणनीति: S-400 बेचेगा पाकिस्तान को, बदले में F-35 चाहता है
तुर्किए ने एक नई रणनीति बनाई है जिसके तहत वह रूस से खरीदा गया शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम S-400 पाकिस्तान को बेचना चाहता है। यह वही S-400 है जिसे भारत ने भी रूस से खरीदा है और जिस पर उसकी वायु सुरक्षा काफी हद तक निर्भर है। लेकिन तुर्किए के लिए यह सौदा आसान नहीं होगा क्योंकि S-400 को आगे बेचने के लिए रूस की अनुमति अनिवार्य है।
तुर्किए की योजना है कि वह S-400 बेचकर अमेरिका से F-35 फाइटर जेट खरीदे, लेकिन इसी बात से इजरायल गहरी चिंता में है।
इजरायल का ऐतराज: मिडिल ईस्ट की एयर बैलेंस को खतरा
‘डिफेंस सिक्योरिटी एशिया’ की रिपोर्ट के अनुसार इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप से निजी बातचीत की है। अधिकारी ने ट्रंप से साफ कहा कि तुर्किए को F-35 मिलना न केवल इजरायल के लिए खतरा होगा, बल्कि इससे पूरे मिडिल ईस्ट की एयर पावर बैलेंस अस्थिर हो सकती है।
इजरायल की आशंका यह भी है कि अगर तुर्किए को F-35 मिल गया, तो रूस को अमेरिका की इस उन्नत तकनीक की जानकारी मिल सकती है, जिससे अमेरिका की रणनीतिक बढ़त भी प्रभावित हो सकती है।
पृष्ठभूमि: तुर्किए को पहले ही F-35 प्रोग्राम से किया जा चुका है बाहर
गौरतलब है कि तुर्किए ने 2017 में रूस के साथ लगभग 2.5 अरब डॉलर में S-400 का सौदा किया था। अमेरिका और नाटो (NATO) ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और उसी कारण तुर्किए को F-35 प्रोग्राम से बाहर कर दिया गया था।
अब तुर्किए की एक बार फिर F-35 को लेकर रुचि बढ़ी है, लेकिन इजरायल अमेरिका पर दबाव बना रहा है कि उसे यह लड़ाकू विमान न दिया जाए। स्थिति अमेरिका के लिए कूटनीतिक रूप से जटिल होती जा रही है, क्योंकि एक ओर उसके पारंपरिक मित्र इजरायल की चिंता है, तो दूसरी ओर तुर्किए नाटो का सदस्य देश है।