हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 20 मई : 2025
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद अब विदेश मंत्रालय और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी पलटवार किया है। राहुल गांधी ने यह दावा किया था कि भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत से पहले पाकिस्तान को इसकी जानकारी दी थी, जिसे उन्होंने ‘अपराध’ करार दिया।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कार्रवाई से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा करने के लिए सरकार को किसने अधिकृत किया और इसके नतीजे में भारतीय वायुसेना को कितने विमान खोने पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्वयं सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार किया है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
दरअसल, दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए एस. जयशंकर ने कहा था,
“यह स्पष्ट है कि कौन गोलीबारी बंद करना चाहता था। हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट करके जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें हासिल कर लिया है। ऑपरेशन की शुरुआत में ही हमने पाकिस्तान को यह संदेश भेजा था कि हमारा हमला आतंकवादी ढांचे पर है, सेना पर नहीं। पाकिस्तान की सेना के पास यह विकल्प था कि वह हस्तक्षेप न करे।”
जयशंकर के इस बयान को राहुल गांधी ने सरकार की रणनीति में कमजोरी और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता बताते हुए निशाना साधा।
राहुल गांधी के इन आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी के दावे ‘पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन’ हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन के दौरान भारत ने स्पष्ट सैन्य रणनीति के तहत कदम उठाए और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं पहुंचा।
भाजपा ने राहुल गांधी पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा,
“राहुल गांधी बार-बार पूछ रहे हैं कि हमने कितने जेट गंवाए, लेकिन उन्होंने यह नहीं पूछा कि पाकिस्तान के कितने फाइटर जेट मार गिराए गए या उनके एयरबेस पर खड़े कितने विमान नष्ट हुए। उन्होंने इस सफल ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार भी बधाई नहीं दी।”
मालवीय ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या राहुल गांधी का अगला सम्मान “निशान-ए-पाकिस्तान” होगा?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने एक बड़े आतंकी ठिकाने को निशाना बनाया था और यह ऑपरेशन देश की सैन्य क्षमताओं का परिचायक माना जा रहा है। हालांकि अब यह सैन्य अभियान राजनीति के केंद्र में आ गया है।
सरकार जहां इस ऑपरेशन को रणनीतिक सफलता बता रही है, वहीं विपक्ष इसे लेकर जवाब मांग रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक बयानबाजी से बचना चाहिए, ताकि सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की गंभीरता बनी रहे।