हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 30 मार्च: अयोध्या में रामलला के मंदिर में सूर्य तिलक की परंपरा को स्थायी रूप से स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। वैज्ञानिकों ने 6 अप्रैल को होने वाले सूर्य तिलक के लिए ट्रायल शुरू कर दिया है। इस ऐतिहासिक घटना के तहत सूर्य की किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी, जिससे उनका भव्य तिलक होगा।
सूर्य किरणों से होगा रामलला का तिलक
रामलला के मंदिर में सूर्य तिलक की परंपरा को वैज्ञानिक रूप से साकार करने की कोशिश की जा रही है। बीते वर्ष अस्थायी तौर पर यह प्रयोग सफल रहा था, लेकिन अब इसे स्थायी रूप से स्थापित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
6 अप्रैल को होगा विशेष सूर्य तिलक
वैज्ञानिकों ने 6 अप्रैल को इस तकनीक के सफल क्रियान्वयन के लिए तैयारी कर ली है। इसके तहत रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर 4 मिनट तक पड़ेंगी। इसके लिए विशेष परावर्तक और लेंस प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।
आज हुआ 1 मिनट का सफल ट्रायल
आज राम मंदिर में वैज्ञानिकों ने सूर्य तिलक की प्रणाली का एक मिनट का ट्रायल किया, जिसमें किरणों को रामलला के मस्तक तक लाने की प्रक्रिया का परीक्षण किया गया। यह परीक्षण सफल रहा, जिससे 6 अप्रैल को होने वाले मुख्य आयोजन की संभावना और मजबूत हो गई है।
राम मंदिर के पूर्ण निर्माण के बाद स्थायी व्यवस्था
वैज्ञानिकों और मंदिर प्रशासन की योजना है कि राम मंदिर के पूर्ण निर्माण के बाद यह सूर्य तिलक प्रतिवर्ष एक नियमित प्रक्रिया के रूप में किया जाएगा। इससे न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह एक अनूठी परंपरा बन जाएगी।