ईद की छुट्टी रद्द होने पर उठे सवाल
हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 29 मार्च: हरियाणा सरकार द्वारा ईद-उल-फित्र की सार्वजनिक छुट्टी रद्द करने के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है। इस फैसले का कई मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरुओं ने विरोध किया है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
मौलाना यासूब अब्बास का कड़ा विरोध
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हरियाणा सरकार ने यह फैसला लेकर अपनी मुस्लिम विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा, “हरियाणा में ईद की छुट्टी रद्द करना अफसोसजनक है। यह फैसला मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।”
सरकार पर दोहरे रवैये का आरोप
मौलाना अब्बास ने केंद्र सरकार के दोहरे रवैये पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम समुदाय को ईद किट बांटकर सौहार्द्र का संदेश दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा सरकार ईद की छुट्टी रद्द कर रही है। यह विरोधाभास दर्शाता है कि सरकार की नीतियां स्पष्ट नहीं हैं।”
मुस्लिम संगठनों ने किया विरोध
मुस्लिम संगठनों ने भी इस फैसले की निंदा करते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है। समुदाय के लोगों ने कहा कि यह केवल एक छुट्टी का मामला नहीं, बल्कि उनके धार्मिक अधिकारों का भी सवाल है। सरकार की इस नीति को लेकर विपक्षी दल भी हमलावर हो गए हैं।
सरकार की सफाई का इंतजार
फिलहाल, हरियाणा सरकार की ओर से इस फैसले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। देखना होगा कि इस विवाद के बीच सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करती है या नहीं।