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ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित कुशीनगर की 17 बेटियों को मिला ‘सिंदूर’ नाम, देशभक्ति के जज्बे का अनूठा उदाहरण

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 12 मई : 2025,

कुशीनगर, उत्तर प्रदेश। जब देश की सेनाएं सीमाओं पर पाकिस्तान को करारा जवाब देने में जुटी थीं, तब उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में देशभक्ति की एक अनोखी मिसाल देखी गई। 7 मई से लेकर 9 मई के बीच जिले में जन्मी 17 बेटियों को एक ही नाम दिया गया — ‘सिंदूर’। यह कोई संयोग नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता से उपजी एक भावनात्मक लहर का प्रतीक है।

सिंदूर अब केवल शब्द नहीं, एक भावना है

देश की सेना ने पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान को उसके नापाक मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब दिया। इस अभियान की सफलता ने पूरे देश में देशभक्ति की लहर दौड़ा दी। लेकिन कुशीनगर में इस भावना को माताओं ने एक नया रूप दिया—उन्होंने अपने नवजात शिशुओं को ‘सिंदूर’ नाम देकर उन्हें देश को समर्पित कर दिया।

मदन गुप्ता ने पोती को समर्पित किया वीर जवानों के नाम

पडरौना नगर निवासी मदन गुप्ता ने अपनी पोती का नाम ‘सिंदूर’ रखते हुए उसे भारतीय सेना को समर्पित करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “यह केवल नाम नहीं, हमारी श्रद्धांजलि है उन जवानों को जो देश की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर डटे हैं।” उनकी बहू काजल ने बताया कि पहलगाम हमले में कई महिलाओं का सिंदूर उजड़ गया था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकियों को सजा दी, बल्कि हर भारतीय को गर्व करने का मौका भी दिया।

गांव-गांव में गूंजा देशभक्ति का स्वर

पडरौना तहसील के खनवार बकलोलही गांव की नेहा, भठही बाबू गांव के व्यास मुनि की पत्नी, भेड़िहारी गांव की अर्चना, नाहर छपरा की प्रियंका, और खड्डा तहसील की रीना देवी — सभी ने अपनी नवजात बच्चियों को ‘सिंदूर’ नाम दिया। उन्होंने कहा कि यह नाम उनकी बेटियों को साहस, बलिदान और राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा देता रहेगा।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कही अहम बात

कुशीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.के. शाही ने बताया, “प्रधानमंत्री जी द्वारा ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम देने से यह नाम देशवासियों के दिलों में बस गया। अब यह न सिर्फ एक अभियान का नाम है, बल्कि देशभक्ति का प्रतीक बन गया है।”

राष्ट्रीयता की यह लहर बनेगी प्रेरणा

कुशीनगर की ये माताएं भले ही युद्ध के मैदान में न हों, लेकिन उन्होंने अपने तरीके से वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है। अपने नवजात शिशुओं का नाम ‘सिंदूर’ रखकर उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत की हर मां, हर परिवार, देश के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार है।

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