हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा और अंतिम चरण 11 नवंबर को होना है। इस चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर कुल 1302 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं — जिनमें 1165 पुरुष, 136 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर प्रत्याशी शामिल हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, लगभग 3.7 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। लेकिन इन आंकड़ों के बीच सबसे अधिक चर्चा उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर हो रही है।
हर तीसरा उम्मीदवार आपराधिक छवि वाला
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 1302 में से 415 उम्मीदवार (लगभग 32%) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं, 341 उम्मीदवार (26%) गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपित हैं। यानी हर तीसरा प्रत्याशी किसी न किसी अपराध से जुड़ा रहा है।
हत्या, बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार के आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक, 19 उम्मीदवारों ने हत्या (IPC 302, 303) जैसे गंभीर अपराधों की जानकारी दी है, जबकि 79 प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास (IPC 307) के मामले दर्ज हैं। इसके अलावा 52 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के केस हैं, जिनमें से 3 पर बलात्कार (IPC 375, 376) के आरोप हैं।
किस पार्टी से कितने ‘क्रिमिनल’ उम्मीदवार?
पार्टीवार आंकड़े और भी चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं।
- जन सुराज पार्टी: 117 में से 58 (50%)
- राजद (RJD): 70 में से 38 (54%)
- भाजपा (BJP): 53 में से 30 (57%)
- कांग्रेस (INC): 37 में से 25 (68%)
- लोजपा (रामविलास): 15 में से 9 (60%)
- जेडीयू (JDU): 44 में से 14 (32%)
- आप (AAP): 39 में से 12 (31%)
- भाकपा (माले): 6 में से 5 (83%)
- भाकपा (CPI): 4 में से 2 (50%)
- माकपा (CPI-M): 1 में से 1 (100%)
गंभीर मामलों में भी पीछे नहीं
गंभीर आपराधिक मामलों में भी पार्टीवार स्थिति उतनी ही खराब है —
कांग्रेस (54%), भाजपा (42%), राजद (39%), जन सुराज (44%), लोजपा (60%) और भाकपा (माले) (67%) उम्मीदवारों पर गंभीर आरोप हैं।
वोट डालने से पहले सोचे मतदाता
इन आंकड़ों ने एक बार फिर राजनीति के अपराधीकरण पर बहस छेड़ दी है। जबकि जनता विकास, शिक्षा और रोजगार के मुद्दों पर वोट देने की बात करती है, वहीं उम्मीदवारों की सूची अपराध के साये में है। ऐसे में लोकतंत्र की असली ताकत — मतदाता — को यह तय करना है कि वे किस तरह का बिहार चाहते हैं: अपराध से मुक्त या अपराध में डूबा हुआ।













