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बस्ती में 22 साल पुराने मामले में पूर्व BJP विधायक संजय जायसवाल समेत 6 दोषियों को सजा

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 29 अप्रैल: 2025,

जेल भेजे गए2003 के MLC चुनाव में मतपत्र लूट और मारपीट का था मामला

बस्ती, उत्तर प्रदेश | वसीम सिद्दीकी
उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो पूर्व विधायकों समेत कुल 6 लोगों को न्यायालय ने 22 साल पुराने मामले में दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया है। यह मामला वर्ष 2003 के विधान परिषद (MLC) चुनावों के दौरान मतगणना के समय मतपत्र लूटने और मारपीट करने से जुड़ा है।

कौन-कौन दोषी पाए गए

  1. संजय प्रताप जायसवाल – पूर्व BJP विधायक
  2. आदित्य विक्रम सिंह – पूर्व मंत्री व विधायक
  3. महेश सिंह – पूर्व ब्लॉक प्रमुख
  4. त्र्यंबक पाठक
  5. इरफान – BSP नेता
  6. एक अन्य व्यक्ति (नाम उजागर नहीं)

सभी को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रमोद गिरि की अदालत ने दोषी करार दिया और तीन साल की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही सभी की बेल याचिकाएं खारिज कर दी गईं, जिसके बाद 29 अप्रैल को सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया।

क्या था पूरा मामला?

साल 2003 में विधान परिषद चुनावों की मतगणना के दौरान मतपत्र लूटने और मारपीट की घटना हुई थी। इसमें सरकारी काम में बाधा पहुंचाना, हिंसा करना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस घटना को लेकर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

ट्रायल और अपील की स्थिति

  • ट्रायल कोर्ट (लोअर कोर्ट) ने सात आरोपियों को दोषी ठहराया था।
  • एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है – कंचना सिंह
  • दोषी करार दिए गए सभी लोगों ने MP-MLA कोर्ट में अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया
  • न्यायालय ने लोअर कोर्ट का फैसला बरकरार रखा

विशेष तथ्य

  • पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह इलाज के लिए रूधौली में थे, उन्हें वहीं से गिरफ्तार किया गया।
  • मामले की सुनवाई के दौरान कई चश्मदीद गवाह पेश हुए थे।
  • बृज भूषण नामक एक अन्य आरोपी की भी मृत्यु हो चुकी है

निष्कर्ष

यह मामला उत्तर प्रदेश की राजनीति में कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के दुरुपयोग का एक उदाहरण बन गया है। 22 साल बाद न्याय की प्रक्रिया पूरी हुई और दोषियों को सजा मिली। यह संदेश देता है कि भले ही देर हो जाए, पर कानून का डंडा हर किसी पर चलता है।

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