हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ मंगलवार 27 मई 2025
बलरामपुर/नेपाल सीमा: हाल ही में संचालित ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त कर दिया गया है। इस ऑपरेशन के बाद नेपाल सीमा से सटे इलाकों में अवैध घुसपैठ की खबरें सामने आई थीं, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी और सतर्कता बढ़ा दी है।
गहन जांच और सतर्कता अभियान
सीमा से सटे गांवों, कस्बों और जंगलों के रास्तों पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पैदल गश्त की जा रही है। सोहेलवा जंगल जैसे संवेदनशील इलाकों में कीमती पेड़ों और औषधीय जड़ी-बूटियों की रक्षा के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। एसएसबी (सीमा सुरक्षा बल) और पुलिस के जवान संयुक्त रूप से इन क्षेत्रों में लगातार निगरानी कर रहे हैं।
चेकिंग और पहचान पत्रों की जांच
सीमा पर आवागमन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सघन तलाशी की जा रही है। चेकपोस्टों पर आधार कार्ड जांचना अनिवार्य कर दिया गया है और किसी भी व्यक्ति पर संदेह होने की स्थिति में उसका स्थानीय थाने से सत्यापन कराया जा रहा है।
अधिकारियों का निरीक्षण और गश्त
एसपी विकास कुमार के निर्देश पर एएसपी विशाल पांडेय ने मंगलवार को नेपाल सीमा पर स्थित कोयलाबास क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आने-जाने वाले लोगों की गहन तलाशी कराई और सुरक्षाकर्मियों को विशेष निर्देश दिए कि स्थानीय संदिग्धों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखें।
सीमावर्ती गांवों पर विशेष फोकस
भारत-नेपाल सीमा से सटे 46 गांवों को चिन्हित किया गया है जहाँ पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। बीट सिपाहियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रतिदिन सुरक्षा संबंधी जानकारी अपडेट करें। ग्रामीण बाजारों में एसएसबी और पुलिस की संयुक्त टीमें गश्त और कैंपिंग कर रही हैं।
तकनीकी निगरानी
फुट पेट्रोलिंग एप के माध्यम से पुलिस की सक्रियता और गश्त की निगरानी की जा रही है। इससे वास्तविक समय में सुरक्षा व्यवस्था का आंकलन किया जा रहा है।
ग्राम सुरक्षा समितियों को किया गया जागरूक
एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट सुजीत कुमार और जरवा थाने के प्रभारी निरीक्षक गोविंद कुमार ने नेपाल सीमा से लगे गांवों में जाकर ग्राम सुरक्षा समितियों के साथ बैठकें कीं। इसमें ग्रामीणों को संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई।