हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 29 मई 2025 अलीगढ़
अलीगढ़, 29 मई 2025 — जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में जिलास्तरीय पोषण समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले में चल रहे कुपोषण उन्मूलन प्रयासों, पोषण ट्रैकर एप पर अद्यतन प्रविष्टियों की स्थिति तथा आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि पोषण ट्रैकर एप पर नियमित, सटीक एवं समयबद्ध प्रविष्टियों को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान की सफलता के लिए विभिन्न विभागों के बीच समयबद्ध समन्वय अत्यंत आवश्यक है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी कृष्ण कांत राय ने बताया कि जिले में कुल 3039 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें से 390 केंद्र विभागीय भवनों में, 1816 प्राथमिक विद्यालयों में, 382 पंचायत भवनों में और 493 किराए के भवनों में संचालित हैं। उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों की पहचान से लेकर उन्हें पोषण स्तर तक लाने के लिए “मिशन मुस्कान” के तहत नवाचार किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य सैम (गंभीर रूप से कुपोषित) श्रेणी के बच्चों को उनकी बुनियादी प्राकृतिक क्षमता तक वापस लाना है।

जिलाधिकारी ने आरईडी और पंचायतीराज विभाग को निर्देशित किया कि निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्रों का कार्य जल्द पूर्ण कराया जाए और जो केंद्र बनकर तैयार हो चुके हैं उन्हें तत्काल हैंडओवर कर संचालन सुनिश्चित किया जाए।
कार्यप्रणाली में लापरवाही पर चेतावनी
समीक्षा के दौरान इगलास की सीडीपीओ को पोषण ट्रैकर एप पर प्रविष्टियों की स्थिति और गर्भवती महिलाओं की वजन जांच में लापरवाही पर कार्यशैली सुधारने की चेतावनी दी गई। डीएम ने निर्देश दिए कि प्रत्येक वीएचएनडी (Village Health and Nutrition Day) सत्र में आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने जेएनएमसी में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र को पूर्ण क्षमता के साथ क्रियाशील करने के निर्देश दिए। साथ ही, केंद्र संचालक डॉ. मुनाजिर अली को हर माह दो केस स्टडी तैयार करने का निर्देश दिया गया, ताकि सुधारात्मक रणनीतियों को और प्रभावी बनाया जा सके।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि मातृ एवं शिशु पोषण, किशोरियों में एनीमिया की रोकथाम, और जनजागरूकता कार्यक्रमों को और सशक्त बनाया जाए। साथ ही, आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।