हिन्दुस्तान मिरर | 3 जुलाई 2025
अलीगढ़
जनपद अलीगढ़ से होकर बहने वाली गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच चुका है। प्रशासन ने संभावित बाढ़ की स्थिति को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है और तटवर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
विशेष रूप से अतरौली तहसील क्षेत्र के वे गांव जो गंगा नदी के किनारे बसे हैं, जैसे दीनापुर, गनेशपुर, सांकरा, अलिया नगला और किरतौली, वहां खतरे की आशंका बढ़ गई है। इन गांवों की दूरी गंगा से महज़ 250 मीटर तक ही है, जिससे संभावित बाढ़ के हालात चिंताजनक हो सकते हैं।
बुधवार को नरौरा बैराज (जनपद बुलंदशहर) से एक लाख 16 हजार 513 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके चलते गंगा का जलस्तर 178.04 मीटर तक पहुंच गया। यह स्तर खतरे के निशान 178.765 मीटर से बेहद कम अंतर पर है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि 2.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी डिस्चार्ज होता है तो गंगा खतरे का निशान पार कर सकती है।
उधर, यमुना नदी में ओखला बैराज (नई दिल्ली) पर जलस्तर बुधवार सुबह 195.75 मीटर रिकॉर्ड किया गया है, जो फिलहाल खतरे के निशान से नीचे है। हालांकि, खैर तहसील के गांव महाराजगढ़ और शेरपुर के लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
एडीएम (वित्त एवं राजस्व) प्रमोद कुमार ने बताया कि गंगा और यमुना के जलस्तर की पल-पल निगरानी की जा रही है। प्रशासन की टीमें अलर्ट पर हैं और संभावित खतरे को लेकर राहत एवं बचाव की पूर्व तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। ग्रामीणों को भी सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित होने वाले गांवों की सूची तैयार कर ली है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।