हिन्दुस्तान मिरर न्यूज, गुरुवार 3 जुलाई2025
सोलर संयंत्र लगाने वाली एक निजी कंपनी से रिश्वत मांगने के गंभीर आरोपों में निलंबित IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अब इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) जल्द ही उनसे पूछताछ करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, SIT ने इस सिलसिले में शासन को एक पत्र भेजकर जांच की अब तक की स्थिति से अवगत कराया है और कुछ जरूरी बिंदुओं पर निर्देश भी मांगे हैं। शासन से हरी झंडी मिलते ही पूछताछ की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप
इस पूरे मामले की शुरुआत 20 मार्च को हुई थी, जब एक सोलर संयंत्र लगाने वाली कंपनी ने गोमती नगर थाने में अभिषेक प्रकाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। कंपनी ने आरोप लगाया था कि एक परियोजना के लिए मंजूरी दिलाने के नाम पर अभिषेक प्रकाश ने रिश्वत की मांग की थी। इस शिकायत के आधार पर मामला गंभीर होता गया और शासन ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया।
चार्जशीट में कई खुलासे
जांच के दौरान पीड़ित कंपनी प्रतिनिधि के बयान दर्ज किए गए, जिनसे कई अहम तथ्य सामने आए। चार्जशीट में दर्ज इन बयानों से यह स्पष्ट हुआ कि किस तरह दबाव बनाकर रिश्वत की मांग की गई थी। SIT को कई ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जो अधिकारी की भूमिका पर सवाल खड़े करते हैं।
शासन से मांगी गई प्रगति रिपोर्ट
SIT ने कुछ दिन पहले शासन को पत्र भेजकर यह जानकारी दी थी कि पूछताछ के लिए अभिषेक प्रकाश को तलब करना जरूरी है। साथ ही, अब तक की जांच की प्रगति रिपोर्ट भी शासन से साझा की गई है। इसके जवाब में शासन ने SIT को निर्देश दिए हैं कि अब तक जो भी साक्ष्य मिले हैं, उन्हें विस्तार से बताया जाए ताकि आगे की कार्रवाई को मंजूरी दी जा सके।
वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं अभिषेक
गौरतलब है कि अभिषेक प्रकाश उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ IAS अधिकारियों में गिने जाते रहे हैं। वह अलीगढ़ और बरेली जैसे बड़े जिलों में जिलाधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। लखनऊ में भी वह नगर आयुक्त समेत कई अहम पदों पर कार्यरत रहे।
अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि SIT की पूछताछ में अभिषेक प्रकाश क्या जवाब देते हैं और जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है। अगर SIT को पुख्ता साक्ष्य मिलते हैं तो यह मामला और गंभीर रूप ले सकता है। शासन भी इस प्रकरण पर पूरी नजर बनाए हुए है।