हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: गुरुवार 3 जुलाई 2025
दिल्ली सरकार ने राजधानी के वाहन चालकों को बड़ी राहत दी है। 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध (फ्यूल बैन) लगाने के आदेश को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है। यह फैसला राजधानी में लाखों वाहन चालकों को सीधी राहत देगा।
पुरानी गाड़ियों पर ईंधन प्रतिबंध फिलहाल नहीं
दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के अधीन एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) को पत्र लिखकर सूचित किया है कि मौजूदा हालात में फ्यूल बैन लागू करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल न देने के आदेश को भी वापस ले लिया है।
यह नियम 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों के लिए था। लेकिन अब इन पर तत्काल प्रभाव से कोई रोक नहीं रहेगी।
तकनीकी चुनौतियां बनीं बड़ी वजह
सरकार ने इस निर्णय के पीछे कई तकनीकी समस्याएं बताई हैं:
- ANPR कैमरे (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) कई स्थानों पर सही ढंग से काम नहीं कर रहे।
- डेटा समन्वय की कमी है — दिल्ली और एनसीआर के अलग-अलग इलाकों से आने वाला डेटा एक-दूसरे से लिंक नहीं है।
- लाउडस्पीकर खराब हैं, जिससे लोगों तक सूचना समय पर नहीं पहुंच रही।
- इन सबके चलते वाहनों की निगरानी और पहचान में कठिनाई हो रही है।
खराब रखरखाव वाले वाहनों पर सख्ती
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिरसा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जब्त करना है, न कि सभी पुरानी गाड़ियों को बंद करना।
उन्होंने कहा, “जो लोग अपनी पुरानी गाड़ियों की ठीक से देखभाल कर रहे हैं, उन्हें सजा देना हमारी मंशा नहीं है।”
CAQM के आदेश से लाखों गाड़ियां होती प्रभावित
CAQM का निर्देश लागू होता तो करीब 60 लाख वाहन प्रभावित होते, जिनमें कार, दोपहिया वाहन, ट्रक और विंटेज ऑटोमोबाइल शामिल हैं। दिल्ली में सालभर वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब रहती है, लेकिन सर्दियों में हालात और बिगड़ जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया गया था।
दिल्ली सरकार की मांग: जल्द हो समाधान
सरकार ने CAQM से अनुरोध किया है कि इन तकनीकी चुनौतियों का जल्द समाधान निकाला जाए, ताकि भविष्य में ऐसे आदेश प्रभावी ढंग से लागू हो सकें। फिलहाल सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए अन्य उपायों पर फोकस कर रही है।
दिल्ली सरकार ने जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पुरानी गाड़ियों पर बैन की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया है। लेकिन यह फैसला स्थायी नहीं है, क्योंकि प्रदूषण पर नियंत्रण अभी भी सरकार की प्राथमिकता है। आने वाले समय में हालात सुधरने पर दोबारा इस नीति को लागू किया जा सकता है।