हिन्दुस्तान मिरर | 4 जुलाई 2025:अलीगढ़
अलीगढ़। विजयगढ़ क्षेत्र में तैनात एक निलंबित दारोगा पर अब रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप लगा है। गांगरौल गांव निवासी पीड़ित सोनित ने एसएसपी को शिकायती पत्र भेजकर दावा किया है कि उक्त दारोगा ने विवेचना में एफआर (फ़ाइनल रिपोर्ट) लगाने के बदले 70 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। इतना ही नहीं, रुपये देने के बाद भी जब मामला दूसरे विवेचक को ट्रांसफर हो गया, तो वापस पैसे मांगने पर दारोगा ने मारपीट कर सरकारी पिस्टल छीनने के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी।
पीड़ित सोनित ने अपने शिकायती पत्र में बताया कि उसके भाई सतेंद्र, भतीजा सुमित और छोटू के खिलाफ गांव के ही सोमवीर ने गंभीर मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। इस केस की विवेचना कर रहे दारोगा ने मामले को कमजोर करने और एफआर लगाने के एवज में 70 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। पीड़ित ने रुपये दे भी दिए, लेकिन विवेचक को बदल दिया गया।
सोनित ने बताया कि रुपये वापस मांगने पर दारोगा ने उसे 22 जून को गांव के बाहर जूनियर हाईस्कूल के पास बुलाया और वहां उसके साथ मारपीट की। दारोगा ने धमकी दी कि यदि रुपये वापस मांगोगे तो सरकारी पिस्टल छीनने के आरोप में फंसा दूंगा। पीड़ित ने दावा किया कि दारोगा द्वारा रिश्वत मांगने की कॉल रिकॉर्डिंग भी उसके पास मौजूद है।
इस पूरे मामले पर थाना प्रभारी (एसएचओ) बालेंद्र सिंह ने कहा कि दारोगा पहले ही नशे की हालत में पब्लिक से अभद्रता के आरोप में निलंबित किया जा चुका है। जहां तक इस नए आरोप की बात है, इसकी कोई आधिकारिक शिकायत थाना स्तर पर नहीं मिली है, केवल इंटरनेट मीडिया पर इसका उल्लेख देखा गया है।
जांच की मांग तेज
अब पीड़ित द्वारा दी गई ऑडियो रिकॉर्डिंग के दावे के बाद पुलिस महकमे में हलचल तेज हो गई है। यदि रिकॉर्डिंग में लगे आरोप सही पाए जाते हैं, तो निलंबित दारोगा के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई हो सकती है। मामले की जांच के लिए उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप की संभावना जताई जा रही है।