त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 की तैयारी शुरू: 14 अगस्त से बीएलओ करेंगे घर-घर सर्वेक्षण, 15 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
हिन्दुस्तान मिरर न्यूज, 12-7-2025 /लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2026 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियों का शंखनाद हो गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को चुनाव के लिए निर्वाचक नामावली के वृहद पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इस अभियान की शुरुआत 14 अगस्त 2025 से होगी, जिसमें बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) घर-घर जाकर गणना और सर्वेक्षण करेंगे। इसी दिन से आम नागरिक मतदाता बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकेंगे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 15 जनवरी 2026 को किया जाएगा और किसी भी दशा में समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी।
पुनरीक्षण कार्यक्रम की मुख्य तिथियां:
- 18 जुलाई से 13 अगस्त: बीएलओ व पर्यवेक्षकों का क्षेत्र निर्धारण, नामावलियों की छपाई।
- 14 अगस्त से 29 सितंबर: बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना, सर्वेक्षण व रिपोर्ट तैयार करना।
- 14 अगस्त से 22 सितंबर: ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि।
- 22 से 29 सितंबर: ऑनलाइन आवेदनों की जांच।
- 30 सितंबर से 6 अक्तूबर: संशोधन व विलोपन की रिपोर्ट जमा।
- 7 से 24 अक्तूबर: नामावलियों का कंप्यूटरीकरण।
- 25 नवंबर से 4 दिसंबर: मतदान स्थलों की मैपिंग, सूची की प्रतियां तैयार करना।
- 5 दिसंबर: अनंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन।
- 6 से 12 दिसंबर: निरीक्षण, दावे व आपत्तियों की प्राप्ति।
- 13 से 19 दिसंबर: दावों व आपत्तियों का निस्तारण।
- 20 से 23 दिसंबर: हस्तलिखित रिपोर्टों की जमा।
- 24 दिसंबर से 8 जनवरी: पूरक सूचियों का कंप्यूटरीकरण।
- 9 से 14 जनवरी: मतदाता क्रमांक निर्धारण, मैपिंग व सूची की प्रतियां।
- 15 जनवरी 2026: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन।
युवाओं के लिए खास अवसर:
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवक-युवतियां भी इस सूची में शामिल किए जाएंगे। इसके लिए उन्हें निर्धारित अवधि में दावा प्रस्तुत करना होगा।
चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक अवकाश के दिनों में भी नामावली पुनरीक्षण कार्य में लगे कार्यालय खुले रहेंगे। स्टेशनरी, प्रशिक्षण और आवश्यक संसाधनों का वितरण समय से किया जाएगा, ताकि किसी भी चरण में देरी न हो।
यह कार्यक्रम त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की पारदर्शिता और समावेशिता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है, जिसमें हर योग्य नागरिक को मतदाता के रूप में पंजीकृत होने का अवसर मिलेगा।