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छात्र संख्या बढ़ाने का निर्देश, नहीं तो हो सकता है बड़ा निर्णय
लखनऊ, 12 जुलाई 2025:
उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने उन विद्यालयों की सूची जारी की है जहां छात्र संख्या 100 से कम है। कुल 625 स्कूलों को इस सूची में शामिल किया गया है, जिससे इन विद्यालयों के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है।
शिक्षा विभाग ने दिए सख्त निर्देश
शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को छात्र संख्या बढ़ाने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। यदि निर्धारित समय सीमा में छात्र संख्या में पर्याप्त वृद्धि नहीं हुई, तो इन विद्यालयों को बंद करने या मर्ज करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
इन कारणों से घट रही है संख्या
सूत्रों के अनुसार, छात्रों की कम संख्या के पीछे कई कारण हैं:
- निजी स्कूलों की ओर रुझान
- आधारभूत सुविधाओं की कमी
- गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की अपेक्षा पूरी न होना
- ग्रामीण इलाकों में पलायन की समस्या
नीति निर्धारण की ओर संकेत
शासन स्तर पर अब यह विचार हो रहा है कि ऐसे विद्यालयों को आसपास के बड़े स्कूलों में विलय (merge) कर दिया जाए या फिर उन्हें प्राइवेट-सरकारी साझेदारी मॉडल के तहत चलाया जाए।
क्या बोले अधिकारी?
माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “छात्र संख्या 100 से कम होना चिंता का विषय है। सरकार चाहती है कि सरकारी संसाधनों का पूरा उपयोग हो। यदि संख्या नहीं बढ़ती है तो स्कूलों के पुनर्गठन की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।”