हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:14 जुलाई 2025
नई दिल्ली।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए अध्यक्ष को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चाओं पर अब विराम लगता नजर आ रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम पर अंतिम मुहर लग चुकी है। माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र से पहले इस फैसले का औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
आरएसएस की पृष्ठभूमि और संगठन अनुभव बने चयन का आधार
खट्टर का चयन केवल एक राजनीतिक फैसला नहीं बल्कि एक संगठनात्मक रणनीति भी माना जा रहा है। खट्टर न केवल आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं, बल्कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में चार दशक से अधिक का अनुभव भी है। वे पार्टी के विभिन्न जिम्मेदारियों में रह चुके हैं और कई राज्यों के चुनाव प्रभारी की भूमिका भी निभा चुके हैं।
संघ के सुझावों के आधार पर बनी चयन की रूपरेखा
सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अध्यक्ष पद के लिए कुछ मानदंड तय करने के सुझाव दिए थे। इनमें जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों के बजाय संगठन कौशल, नेतृत्व क्षमता और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करने की योग्यता को प्राथमिकता देने की बात कही गई थी। मनोहर लाल खट्टर इन सभी मानदंडों पर खरे उतरते हैं।
संघ का अप्रत्यक्ष लेकिन प्रभावशाली हस्तक्षेप
भले ही संघ सीधे तौर पर पार्टी के फैसलों को प्रभावित नहीं करता, लेकिन व्यवहारिक रूप से देखें तो बीजेपी की चुनावी सफलता में संघ के अनुशासन और मजबूत संगठनात्मक ढांचे की अहम भूमिका रही है। नए अध्यक्ष के चयन में भी संघ के विचारों को काफी हद तक सम्मान दिया गया है।
खट्टर का संगठन में लंबा और प्रभावी योगदान
हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने से पहले खट्टर राष्ट्रीय स्तर पर संगठन के विभिन्न दायित्वों को निभाते रहे हैं। वे देश के कई हिस्सों में पार्टी के लिए काम कर चुके हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं से उनका सीधा संवाद हमेशा मजबूत रहा है। इसी विशेषता के चलते उन्हें अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त माना गया है।
आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा
हालांकि, अभी तक बीजेपी की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह अगले कुछ दिनों में, विशेषकर मानसून सत्र शुरू होने से पहले किसी भी समय हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो खट्टर अमित शाह, जे.पी. नड्डा जैसे पूर्व अध्यक्षों की कतार में शामिल हो जाएंगे।