हिंदुस्तान मिरर, अलीगढ़ | संजय सक्सेना
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी विभाग द्वारा अस्तित्वहीन फर्मों के वेरिफिकेशन के नाम पर हो रहे सर्वे के विरोध में कड़ा रुख अपनाते हुए ज्ञापन सौंपा। मंडल के प्रांतीय महामंत्री एवं अलीगढ़ महानगर अध्यक्ष सतीश महेश्वरी के नेतृत्व में व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मंडल राज्य के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 सुभाष चंद्र से मिला और सर्वे प्रक्रिया को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं।

व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी पूरे देश में लागू है, लेकिन उत्तर प्रदेश में इसकी आड़ में सबसे अधिक सख्ती बरती जा रही है। कई वर्षों से ईमानदारी से व्यापार कर रहे प्रतिष्ठानों पर बार-बार जांच कराना न केवल अनुचित है, बल्कि इससे व्यापारियों का विश्वास भी घटता है। वरिष्ठ व्यापारी संजय वार्ष्णेय ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे फील्ड में कार्यरत अफसरों को व्यापारियों के साथ शालीन और सम्मानजनक व्यवहार करने के निर्देश दें।
किशन गुप्ता ने बार-बार हो रहे सर्वेक्षण को व्यापारियों के उत्पीड़न की श्रेणी में बताते हुए कहा कि इस प्रवृत्ति पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बार-बार की जांच से न केवल व्यापारियों का मनोबल टूटता है, बल्कि व्यापारिक माहौल पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
व्यापारियों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनते हुए एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 सुभाष चंद्र और ग्रेड-2 ए.के.आर. त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि यह आदेश राज्य आयुक्त द्वारा सभी क्षेत्रों में 100% जांच के निर्देश के तहत किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फील्ड में जाने वाले अधिकारी को केवल फर्म का साइनबोर्ड देखकर यह पुष्टि करनी है कि फर्म कार्यरत है। व्यापारियों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा और किसी प्रकार की अभद्रता या जबरदस्ती नहीं की जाएगी।
इसके अलावा मंडलीय कमिश्नर के समक्ष ITC और SIBI सर्वे से जुड़ी चिंताओं पर भी व्यापारी नेताओं ने चर्चा की। व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट और जीएसटी विभाग के आदेश भी प्रस्तुत किए। अधिकारियों ने उनकी बातों को गंभीरता से लेते हुए संतोषजनक उत्तर दिए और व्यापारियों को आश्वस्त किया कि कोई उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।
इस प्रतिनिधिमंडल में घनश्याम दास जैन, हनुमंतराम गांधी, विवेक शर्मा, मनीष मोहता, संयोग मित्तल, करण मित्तल, अश्वनी वार्ष्णेय, आशीष गोयल, अनुपम वार्ष्णेय, अरविंद कुमार, मोहित राठी, गंगा राम यादव, साजिद अहमद समेत अनेक व्यापारी शामिल रहे।