हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर अल्गेमाइन (FAZ) ने दावा किया है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के हफ्तों में चार बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन मोदी ने उनके कॉल रिसीव नहीं किए। अखबार ने लिखा कि ट्रंप की बार-बार की कोशिशों के बावजूद मोदी ने फोन नहीं उठाया। इस खबर ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है।
भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव
रिपोर्ट के अनुसार, भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव की बड़ी वजह डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ हैं। ट्रंप ने पहले भारत से होने वाले आयात पर 25% शुल्क लगाया था। बाद में रूस से तेल खरीदने की बात कहकर उन्होंने अतिरिक्त 25% शुल्क और जोड़ दिया। इस तरह कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया। इस फैसले के चलते दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में खटास बढ़ी है।
ट्रंप ने भारत के खिलाफ बयानबाजी भी की। उन्होंने 31 जुलाई को कहा था कि, “मुझे फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है। दोनों मिलकर अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को नीचे गिरा सकते हैं।” इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने 10 अगस्त को परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की ओर अग्रसर है। इसके बाद 25 अगस्त को पीएम ने ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ की ओर इशारा करते हुए कहा था कि “दबाव कितना भी क्यों न आए, हम झेलने की ताकत बढ़ाते जाएंगे।”
ट्रंप का पाकिस्तान-भारत संघर्ष रोकने का दावा
FAZ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ट्रंप बार-बार मई महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को रुकवाने का श्रेय खुद को देते रहे। जबकि भारत सरकार ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि संघर्षविराम पाकिस्तान की अपील पर हुआ था और इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी। यही वजह बताई जा रही है कि पीएम मोदी, ट्रंप से दूरी बनाए हुए हैं।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच आखिरी बार फोन पर बातचीत 17 जून को हुई थी। दोनों नेताओं की मुलाकात कनाडा में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान तय थी, लेकिन ट्रंप कार्यक्रम से पहले ही अमेरिका लौट गए। विदेश मंत्रालय ने बताया कि ट्रंप के अनुरोध पर 17 जुलाई को हुई फोन वार्ता करीब 35 मिनट चली। इसमें ट्रंप ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन का आश्वासन दिया।
FAZ के दावे और भारत सरकार के आधिकारिक बयान में बड़ा अंतर साफ झलकता है। एक ओर अखबार कह रहा है कि पीएम मोदी ट्रंप का कॉल रिसीव नहीं कर रहे, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार कह रही है कि दोनों नेताओं के बीच हाल ही में बातचीत हो चुकी है। हालांकि, टैरिफ विवाद और पाकिस्तान-भारत संघर्ष के मुद्दे को लेकर यह तय है कि ट्रंप और मोदी के बीच रिश्तों में खटास जरूर आई है।