हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
नेपाल की सियासत में बड़े फेरबदल के संकेत दिखाई दे रहे हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए अब तक पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम सबसे आगे बताया जा रहा था, लेकिन उनके नाम पर राजनीतिक दलों और प्रदर्शनकारी गुटों के बीच सहमति नहीं बन पाई। इसी कारण अब नया नाम सामने आया है। नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रमुख और चर्चित ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमान घीसिंग को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाया गया है।
नेपाल में चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे Gen-G नेताओं अनिल बनिया और दिवाकर दंगल ने मीडिया को बताया कि कार्की के नाम पर सहमति न बनने के बाद अब घीसिंग का नाम सामने आया है। उनका कहना है कि घीसिंग एक ईमानदार और कामकाज के प्रति प्रतिबद्ध व्यक्ति हैं, जिन पर जनता भरोसा कर सकती है।
इस बीच नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। आंदोलन के तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है। सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1300 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। अस्पतालों में हालात गंभीर हैं और डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों का इलाज कर रही है।
नेपाल के मौजूदा संकट ने पूरे दक्षिण एशिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। अब यह देखना अहम होगा कि कुलमान घीसिंग का नाम राजनीतिक सहमति हासिल कर पाता है या नहीं। अगर ऐसा होता है तो नेपाल को एक नए नेतृत्व का चेहरा मिल सकता है, जो मौजूदा हिंसक हालात को शांत करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।













