हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
कर्नाटक सरकार ने आखिरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चित्तपुर स्थित रूट मार्च को हरी झंडी दे दी है। यह फैसला कर्नाटक हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी और लगातार बढ़ते दबाव के बाद लिया गया। सरकार ने कोर्ट को बताया कि एक “वन-टाइम स्पेशल मेज़र” के तहत सभी संगठनों की रूट मार्च याचिकाओं पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा। इसमें RSS का पथ संचलन भी शामिल है, जो अब 16 नवंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा।
एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कोर्ट को जानकारी दी कि 5 नवंबर को हुई बैठक में कुल 11 संगठनों ने अनुमति की मांग की थी। उन्होंने कहा कि सरकार सभी को क्रमवार अनुमति देगी, हालांकि यह किसी भविष्य के आयोजन के लिए मिसाल नहीं बनेगा।
RSS की ओर से याचिकाकर्ता अशोक पाटिल के वकील अरुण श्याम ने बताया कि संगठन ने पहले 13 और 16 नवंबर की तारीखें तय की थीं, पर प्रशासनिक कारणों से रूट मार्च टलता रहा। इससे पहले यह आयोजन 19 अक्टूबर और फिर 2 नवंबर को प्रस्तावित था।
यह पथ संचलन आईटी-बीटी मंत्री प्रियंक खरगे के गृह क्षेत्र चित्तपुर (जिला कलबुर्गी) में होगा, जिससे राजनीतिक माहौल गर्म है। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार का झुकना विपक्ष के लिए भी एक बड़ा मुद्दा बन गया है।













