Image

चैत्र नवरात्रि 2025: महत्व, पूजा विधि और आवश्यक सावधानियाँ

हिन्दुस्तान मिरर | 30 मार्च 2025

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष स्थान है। इसे वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है, क्योंकि यह वसंत ऋतु में आती है।नवरात्रि के नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। श्रद्धालु उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान संपन्न करते हैं।

चैत्र नवरात्रि का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माँ दुर्गा ने इसी अवधि में महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था, जो अधर्म और अन्याय का प्रतीक था। इस कारण नवरात्रि को धर्म की अधर्म पर विजय के रूप में मनाया जाता है।

इसके अलावा, भगवान श्रीराम ने भी लंका पर आक्रमण से पहले माँ दुर्गा की शक्ति की आराधना की थी, जिससे उन्हें विजय प्राप्त हुई। इसीलिए नवरात्रि का महत्व केवल देवी उपासना तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे शक्ति, साहस और आत्मशुद्धि का पर्व भी माना जाता है।

नवरात्रि पूजन की आवश्यक विधियाँ

नवरात्रि के नौ दिनों तक विशेष पूजन किया जाता है। यहाँ पूजा-विधि के मुख्य चरण दिए गए हैं:

  1. घटस्थापना (कलश स्थापना)
    • नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में मिट्टी की वेदी पर जौ के बीज बोएं।
    • उसके ऊपर जल से भरा कलश स्थापित करें।
    • नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश पर रखें।
    • यह पूजा संपन्नता, शुभता और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
  2. दुर्गा सप्तशती का पाठ
    • प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती या श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
    • इससे माँ दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
  3. व्रत का पालन
    • श्रद्धालु अपनी क्षमता अनुसार व्रत रखते हैं—कुछ लोग निर्जला उपवास करते हैं, तो कुछ फलाहार लेते हैं।
    • व्रत के दौरान सात्विक आहार जैसे दूध, फल, साबुदाना, सिंघाड़े का आटा आदि का सेवन करें।
  4. कन्या पूजन
    • अष्टमी या नवमी के दिन नौ कन्याओं का पूजन करें।
    • उन्हें भोजन कराएं और उपहार दें।
    • यह विधि विशेष रूप से शुभ और फलदायी मानी जाती है।

माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना की विधि
• प्रतिदिन प्रातः और संध्या के समय स्नान कर माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
• पुष्प, अक्षत, चंदन, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।
• माँ दुर्गा की आरती करें और भजन-कीर्तन करें।
• यदि संभव हो तो नौ दिनों तक अखंड दीप जलाएं, जो माँ दुर्गा की निरंतर कृपा का प्रतीक माना जाता है।

नवरात्रि के दौरान बरती जाने वाली सावधानियाँ

नवरात्रि के दौरान कुछ नियमों और सावधानियों का पालन करना आवश्यक होता है:

  1. आहार संबंधी सावधानियाँ
    • व्रत में सात्विक आहार का पालन करें।
    • लहसुन, प्याज और मांसाहार से पूरी तरह परहेज करें।
    • तले-भुने भोजन की जगह हल्का और पौष्टिक भोजन ग्रहण करें।
  2. शुद्धता का पालन
    • अपने मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहें।
    • असत्य भाषण, क्रोध, नकारात्मक विचारों और अहंकार से बचें।
    • घर और पूजा स्थान की नियमित सफाई करें।
  3. स्वास्थ्य का ध्यान रखें
    • व्रत के दौरान पर्याप्त पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखें।
    • लंबे समय तक भूखा न रहें, जरूरत अनुसार हल्का भोजन करें।
    • यदि स्वास्थ्य संबंधित कोई समस्या हो, तो आंशिक व्रत रखें और डॉक्टर की सलाह लें।

नवरात्रि का आध्यात्मिक लाभ

चैत्र नवरात्रि केवल पूजा और उपवास का पर्व नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति और आत्मशुद्धि का भी अवसर होता है। इन नौ दिनों में की गई साधना, ध्यान और उपासना व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और आंतरिक शांति लाती है।

माँ दुर्गा की कृपा से न केवल संकटों का नाश होता है, बल्कि जीवन में शक्ति, साहस और आत्मविश्वास का संचार भी होता है। अतः, श्रद्धा और नियमपूर्वक इस पर्व को मनाने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन निश्चित रूप से होता है।

Releated Posts

मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाने की विधि: जानें सही तरीका, लाभ और गलती हो जाए तो क्या करें

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: मंगलवार का दिन संकटमोचन हनुमान जी को समर्पित माना जाता है और इस दिन विशेष…

ByByHindustan Mirror NewsNov 18, 2025

देवउठनी एकादशी से शुरू होते हैं शुभ कार्य: जानें देवोत्थान का धार्मिक महत्व

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: देवउठनी एकादशी 2025:हिंदू धर्म में देवउठनी या देवप्रबोधिनी एकादशी का विशेष महत्व है। यह पर्व…

ByByHindustan Mirror NewsOct 29, 2025

प्रीति योग और स्वाति नक्षत्र में आज होगा गोवर्धन महाराज पूजन

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: दीपोत्सव के पंचदिवसीय पर्वों में आज गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। कार्तिक शुक्ल पक्ष…

ByByHindustan Mirror NewsOct 22, 2025

धन की देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू: मूर्ख नहीं, बुद्धिमान पक्षी है विज्ञान के अनुसार

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: उल्लू को लेकर समाज में दो तरह की मान्यताएं हैं—एक ओर इसे मूर्ख समझा जाता…

ByByHindustan Mirror NewsOct 20, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top