हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 15अप्रैल: 2025,
मनी लॉन्ड्रिंग जांच तेजशिकोहपुर भूमि सौदे से जुड़ी जांच में प्रवर्तन निदेशालय की सख्ती बढ़ी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा के शिकोहपुर में हुई एक विवादित जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत रॉबर्ट वाड्रा को समन भेजा है। यह मामला फरवरी 2008 का है, जब वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। इसके कुछ समय बाद, इसी जमीन को रियल एस्टेट कंपनी DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया गया।
इस डील से मिली अप्रत्याशित कमाई पर मनी लॉन्ड्रिंग का शक जताया जा रहा है। केंद्रीय एजेंसी इस सौदे में संभावित वित्तीय अनियमितताओं और काले धन के उपयोग की जांच कर रही है।
ईडी की कार्रवाई और वाड्रा की प्रतिक्रिया
- ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा को पहला समन 8 अप्रैल को भेजा था, लेकिन वे उस दिन पेश नहीं हुए।
- इसके बाद, दूसरा समन 15 अप्रैल (आज) के लिए जारी किया गया है।
- वाड्रा आज सुबह अपने घर से पैदल चलते हुए ईडी दफ्तर पहुंचे, जहां उन्होंने मीडिया से बात की और सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया।
वाड्रा का बयान:
“मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं है। मैं जांच में सहयोग कर रहा हूं, लेकिन सरकार जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। यह बदले की राजनीति है।”
राजनीति में एंट्री के संकेत
आंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) के अवसर पर रॉबर्ट वाड्रा ने एक बार फिर राजनीति में कदम रखने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा:
“अगर जनता चाहती है तो मैं राजनीति में आऊंगा। इसके लिए पूरी तैयारी कर रहा हूं और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।”
वाड्रा इससे पहले भी कई बार अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर बयान दे चुके हैं।
क्या आगे हो सकता है?
ईडी की यह जांच मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत की जा रही है। यदि वाड्रा पर लगे आरोपों में दम पाया गया, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई संभव है। साथ ही, राजनीति में उनकी संभावित एंट्री पर भी इस जांच का असर पड़ सकता है।