हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 15अप्रैल: 2025,
संभल, उत्तर प्रदेश:
जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को मंगलवार को संभल स्थित निचली अदालत (जेएम कोर्ट) में पेश किया गया। उनके खिलाफ दर्ज दो मामलों में एक में वारंट और दूसरे में समन जारी किए गए थे। पेशी के दौरान दोनों मुकदमों की सुनवाई एक साथ हुई, जिसमें अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
जफर अली के अधिवक्ताओं द्वारा दोनों मामलों में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। न्यायालय ने इसे स्वीकार करते हुए जमानत प्रदान की। अब इन मामलों में अगली सुनवाई मई महीने में निर्धारित की गई है।
क्या हैं मामले?
पहला मामला 19 जनवरी 2018 का है, जिसमें एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने आरोप लगाया था कि जामा मस्जिद, जो एक संरक्षित इमारत है, उसमें बिना अनुमति के ग्रिल लगाई गई। यह मामला अभी भी विचाराधीन है और इसी में कोर्ट ने वारंट जारी किए थे।
दूसरा मामला एक पुराने प्रकरण से जुड़ा है, जिसमें समन जारी किए गए थे।
पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम
दोनों मुकदमों में पेशी के लिए जफर अली को मुरादाबाद स्थित जिला कारागार से संभल लाया गया। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। इस दौरान जफर अली के परिजनों ने भी उनसे कचहरी में मुलाकात की।
गौरतलब है कि 24 नवंबर को हुए बवाल में भूमिका के आरोप में जफर अली 23 मार्च से जेल में बंद हैं। अदालत में पेशी के दौरान प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था की थी।