हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 16 अप्रैल: 2025,
भारत के वर्तमान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने 16 अप्रैल 2025 को केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज जस्टिस बीआर गवई को अगला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) नियुक्त करने की सिफारिश की। जस्टिस बीआर गवई 14 मई 2025 को भारत के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। मौजूदा सीजेआई संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
अनुसूचित जाति से आने वाले दूसरे CJI होंगे बीआर गवई
जस्टिस बीआर गवई भारत के पहले ऐसे चीफ जस्टिस नहीं होंगे जो अनुसूचित जाति (SC) से आते हैं। उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन इस समुदाय से पहले CJI रह चुके हैं। इस नियुक्ति को सामाजिक न्याय और न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व के लिहाज़ से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
केवल 6 महीने का होगा कार्यकाल
जस्टिस गवई का कार्यकाल अपेक्षाकृत छोटा रहेगा। वह नवंबर 2025 में सेवानिवृत्त होंगे, यानी उन्हें करीब 6 महीने तक देश के सर्वोच्च न्यायालय की कमान संभालने का अवसर मिलेगा।
महाराष्ट्र के अमरावती से है गहरा नाता
जस्टिस बीआर गवई का जन्म महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। उन्होंने 1985 में वकालत की शुरुआत की और महाराष्ट्र के पूर्व एडवोकेट जनरल बैरिस्टर राजा भोंसले के साथ काम किया। वह 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे।
लंबा न्यायिक अनुभव: 2003 में बने हाईकोर्ट जज, 2019 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति
वर्ष 1992 में गवई को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और असिस्टेंट प्लीडर नियुक्त किया गया। इसके बाद, 2003 में वे बॉम्बे हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने और 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया।
बुल्डोजर एक्शन पर उठाए थे सवाल
जस्टिस गवई अपने न्यायिक दृष्टिकोण को लेकर भी चर्चित रहे हैं। उन्होंने पिछले साल “बुल्डोजर एक्शन” पर सवाल उठाए थे, जो प्रशासन द्वारा बगैर सुनवाई के घरों या दुकानों को गिराने की कार्रवाई को लेकर था। उनका रुख मानवाधिकार और संवैधानिक प्रक्रिया की रक्षा के पक्ष में रहा है।
भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि
14 अप्रैल 2025 को अंबेडकर जयंती के अवसर पर जस्टिस गवई ने डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी और कहा:
“राष्ट्र सदैव डॉ. आंबेडकर का कृतज्ञ रहेगा, क्योंकि उनके और उनके सहयोगियों ने संविधान तैयार किया। भारत मजबूत है, प्रगति कर रहा है और दुनिया में सबसे तेजी से विकास करने वाले देशों में से एक है। यह उनका दर्शन, विचारधारा और दूरदृष्टि ही है जो हमें एकजुट और मजबूत बनाए हुए है।”