हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 17 अप्रैल: 2025,
सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन सुनवाई
संसद से पारित वक्फ कानून को लेकर देशभर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। गुरुवार, 17 अप्रैल को इस मामले में लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय दिया है।
अजित पवार की प्रतिक्रिया: फैसला न होने तक चुप्पी जरूरी
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस पर अंतिम निर्णय नहीं देता, तब तक किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह विषय संविधान की मर्यादा और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है।
“यह किसी की जीत या हार नहीं” – अजित पवार
अजित पवार ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश किसी एक पक्ष की जीत या दूसरे पक्ष की हार नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह आदेश भारतीय संविधान की मर्यादाओं और प्रावधानों के पालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
दोनों पक्षों को मिला पक्ष रखने का अवसर
पवार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए सात दिन के स्थगन को न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, “यह स्थगन केंद्र सरकार और वक्फ बोर्ड दोनों पक्षों को अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रखने का अवसर देता है। यह किसी के पक्ष में समर्थन या विरोध नहीं है।”
संविधान के प्रावधानों का पालन ही सर्वोच्च प्राथमिकता
डिप्टी सीएम ने जोर देकर कहा कि संविधान में जो भी प्रावधान हैं, उनका पूरी तरह पालन हो, यही सुप्रीम कोर्ट की मंशा है। जब तक दोनों पक्षों की दलीलें पूरी तरह से नहीं सुनी जातीं, तब तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी।