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मऊ में ‘हानि ट्रैप’ का सनसनीखेज खुलासा: लड़की की आवाज में लड़कों को फंसाने वाले शातिर गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 25 अप्रैल: 2025,

मऊ, उत्तर प्रदेश: मऊ जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पुलिस को भी स्तब्ध कर दिया। यहाँ एक संगठित गिरोह द्वारा युवकों को निशाना बनाकर ‘हानि ट्रैप’ का जाल बिछाया जा रहा था, जिसे पारंपरिक हनी ट्रैप से कहीं अधिक खतरनाक और सुनियोजित बताया जा रहा है। इस मामले में मऊ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अन्य फरार आरोपी की तलाश जारी है।

सुनियोजित साजिश का खौफनाक तरीका

पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह बेहद चालाकी से अपना जाल फैलाता था। सबसे पहले, आरोपी युवकों को लड़की की आवाज में फोन कॉल करते थे। ये कॉल इतने विश्वसनीय होते थे कि पीड़ित आसानी से भरोसा कर लेते थे। बातचीत में उत्तेजक और आकर्षक लहजे का इस्तेमाल कर युवकों को लालच दिया जाता था। इसके बाद, शारीरिक संबंध बनाने के बहाने उन्हें किसी सुनसान जगह, होटल या किराए के कमरे में बुलाया जाता था।

जैसे ही युवक निर्धारित स्थान पर पहुंचते, वहाँ पहले से मौजूद गिरोह के सदस्य उन्हें नग्न होने के लिए मजबूर करते। इस दौरान, छिपे हुए कैमरों से उनकी अश्लील वीडियो रिकॉर्ड कर ली जाती थी। यही वीडियो गिरोह का सबसे बड़ा हथियार बनता था। पीड़ितों को धमकाया जाता कि अगर उन्होंने फिरौती की रकम नहीं दी, तो ये वीडियो उनके परिवार, दोस्तों और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए जाएंगे। बदनामी के डर से कई युवक चुपचाप मांगी गई रकम दे देते थे।

चौंकाने वाला खुलासा: लड़की की आवाज में मास्टरमाइंड थे पुरुष

जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए, उन्होंने सभी को हैरत में डाल दिया। इस पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड कोई महिला नहीं, बल्कि पुरुष थे, जो लड़की की आवाज निकालने में इतने माहिर थे कि पीड़ितों को शक तक नहीं होता था। ये शातिर अपराधी अपनी आवाज को इस तरह बदल लेते थे कि कोई भी आसानी से उनके जाल में फंस जाता था। पुलिस के अनुसार, गिरोह ने इस तकनीक का इस्तेमाल कर कई युवकों को निशाना बनाया और लाखों रुपये की उगाही की।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

मामले की शिकायत मिलते ही मऊ कोतवाली पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। पुलिस ने गहन छानबीन और तकनीकी सहायता से तीन मुख्य आरोपियों को हिरासत में लिया। इनके पास से आपत्तिजनक वीडियो, मोबाइल फोन और अन्य साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई अन्य पीड़ितों के नाम सामने आए हैं, जिन्हें इस गिरोह ने ब्लैकमेल किया था। एक अन्य फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने विशेष टीमें गठित की हैं और जल्द ही उसे भी पकड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

सामाजिक जागरूकता की जरूरत

इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया और फोन कॉल्स के जरिए होने वाले अपराधों के प्रति लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान नंबरों से आने वाली कॉल्स पर भरोसा न करें और किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही, युवाओं को ऐसी लालच भरी बातों से बचने की सलाह दी गई है।

आगे की जांच जारी

मऊ पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस रैकेट का कोई बड़ा अंतरराज्यीय कनेक्शन है। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, जिसमें उगाही, ब्लैकमेलिंग और आपराधिक साजिश की धाराएं शामिल हैं, के तहत मामला दर्ज किया गया है।

यह मामला न केवल मऊ जिले, बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। लोग इस बात से हैरान हैं कि किस तरह एक सुनियोजित गिरोह इतने लंबे समय तक पुलिस की नजरों से बचकर इस तरह की वारदातों को अंजाम देता रहा। मऊ पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना हो रही है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस गिरोह का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा।

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