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पहलगाम आतंकी हमले की जांच में नया मोड़, संदिग्ध खच्चर वाला हिरासत में

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 25 अप्रैल: 2025,

पहलगाम आतंकी हमले की जांच में तेजी: खच्चर वाले को हिरासत में लिया गया, महिला पर्यटक ने लगाए गंभीर आरोप

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। सुरक्षा एजेंसियां हर कोण से मामले की छानबीन कर रही हैं। इसी सिलसिले में गांदरबल पुलिस ने एक संदिग्ध खच्चर वाले को हिरासत में लिया है, जिसकी पहचान अयाज अहमद जंगल पुत्र नबी जंगल, निवासी गोहीपोरा रायजान, गांदरबल के रूप में हुई है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी संदिग्ध की तस्वीर

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक महिला पर्यटक ने एक व्यक्ति की तस्वीर साझा करते हुए दावा किया कि उस शख्स ने उससे धर्म और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर सवाल पूछे थे। इसी आधार पर पुलिस ने संदिग्ध की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया।

महिला पर्यटक ने लगाए गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली महिला पर्यटक ने बताया कि वह 13 अप्रैल को अपने 20 लोगों के समूह के साथ जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकली थीं। उन्होंने वैष्णो देवी, सोनमर्ग और श्रीनगर घूमने के बाद 20 अप्रैल को पहलगाम का रुख किया।

महिला के अनुसार, 20 अप्रैल को बैसरन वैली में खच्चर की सवारी कराते वक्त संदिग्ध से उसकी बहस हुई थी, जिसका वीडियो उनके ग्रुप ने रिकॉर्ड भी किया।

संदिग्ध की बातचीत में “बंदूक”, “हिंदू धर्म” और “कोड वर्ड्स” का इस्तेमाल

महिला ने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति को एक फोन कॉल आया था, जिसमें वह बार-बार “बंदूक” और “हिंदू धर्म” का जिक्र कर रहा था। इसके अलावा वह “प्लान ए”, “प्लान बी” जैसी कोड भाषा का भी इस्तेमाल कर रहा था।

महिला ने यह भी कहा, “जब उसे लगा कि मैं उसकी बात समझ रही हूं, तो वह स्थानीय भाषा में बात करने लगा।”

स्केच से हुई पुष्टि, संदिग्ध से पूछताछ जारी

महिला का दावा है कि जिस व्यक्ति ने उन्हें सवारी कराई थी, वही आतंकी संदिग्ध है जिसका स्केच सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया है। पुलिस अब संदिग्ध से गहन पूछताछ कर रही है और उसके कॉल रिकॉर्ड, संपर्क और गतिविधियों की पड़ताल की जा रही है।

जांच एजेंसियों के लिए अहम सुराग साबित हो सकता है यह मामला

यह घटना आतंकियों की रणनीति और स्थानीय सहायता के एंगल को उजागर कर सकती है। यदि महिला के दावे सही साबित होते हैं, तो यह आतंकी हमलों की साजिश में स्थानीय सहयोगियों की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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