हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 26 अप्रैल: 2025,
गद्दीनशीन महंत रामलला के दर्शन करेंगे
रामनगरी अयोध्या में ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास महाराज 30 अप्रैल को प्रभु रामलला के दर्शन करेंगे। यह अवसर अयोध्या के धार्मिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।
52 बीघा के बाहर पहली बार जाएंगे गद्दीनशीन महंत
हनुमानगढ़ी के इतिहास के अनुसार, अब तक कोई भी गद्दीनशीन महंत 52 बीघा के बाहर नहीं जाता था। लेकिन इस बार महंत प्रेमदास हजारों संतों और श्रद्धालुओं के साथ सुबह 7 बजे हनुमानगढ़ी से बाहर निकलकर रामलला के दर्शन हेतु प्रस्थान करेंगे।
सरयू तट पर शाही स्नान और पुष्पवर्षा
हनुमानगढ़ी के पंच संजय दास के अनुसार, महंत प्रेमदास सबसे पहले वीआईपी मार्ग से होते हुए सरयू तट जाएंगे। वहाँ शाही स्नान करने के बाद वे रामलला के दरबार में पहुँचेंगे। सरयू तट से रामलला मंदिर तक लगभग 40 स्थानों पर पुष्पवर्षा की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त हेलीकॉप्टर से भी पुष्पवर्षा कराई जाएगी, जिससे माहौल भक्तिमय हो उठेगा।
भव्य शोभायात्रा का आयोजन
शोभायात्रा में हाथी, घोड़े और ऊंट भी सम्मिलित होंगे। गद्दीनशीन महंत प्रेमदास यात्रा में हनुमानगढ़ी के निशान और छड़ी के साथ चलेंगे। इस भव्य शोभायात्रा में हनुमानगढ़ी की चारों पट्टियाँ — सागरिया पट्टी, उज्जैनिया पट्टी, बसंतिया पट्टी और हरिद्वारी पट्टी के महंत व पंच भी सहभागी बनेंगे।
छप्पन भोग अर्पित करेंगे रामलला को
दर्शन के दौरान हनुमानगढ़ी की ओर से प्रभु रामलला को छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा। यह एक अद्भुत दृश्य होगा जब रामभक्त प्रेम से प्रभु के दरबार में अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे।
हनुमान जी की प्रेरणा से हुआ निर्णय
पंच संजय दास ने दावा किया कि पिछले तीन महीनों से स्वयं हनुमान जी गद्दीनशीन महंत को प्रेरित कर रहे थे कि वह प्रभु रामलला का दर्शन करें। इसी प्रेरणा के फलस्वरूप महंत प्रेमदास ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया।
अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदीय निर्वाणी अखाड़े का ऐतिहासिक निर्णय
यह निर्णय अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदीय निर्वाणी अखाड़े द्वारा लिया गया है, जिससे रामनगरी अयोध्या में एक नई आस्था की लहर दौड़ गई है।