हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 4 मई : 2025,
वाराणसी, 4 मई – कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने आज वाराणसी में आयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पुलवामा हमले से लेकर वाराणसी में छात्र की हत्या तक, कई मामलों में सरकार की नाकामी और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया।
अजय राय ने आरोप लगाया कि पुलवामा हमले की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी, जिससे सरकार की गंभीरता पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि देश की कानून व्यवस्था पूरी तरह कोमा में चली गई है, और अपराधी बेलगाम होते जा रहे हैं।
उन्होंने विशेष रूप से वाराणसी के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र के मरूई ग्राम सभा में हुए एक छात्र हेमंत पटेल की हत्या का जिक्र किया। कहा कि अधिवक्ता कैलाश पटेल के बेटे हेमंत की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन मामले में लापरवाही बरत रहा है। आरोप लगाया कि स्थानीय मंत्री के दबाव में ग्राम प्रधान विवेक सिंह मोहित को झूठे केस में फंसाया जा रहा है।
‘सरकार संविधान को कुचल रही है’
अजय राय ने कहा, “जो लोग जनता के मुद्दे उठाते हैं, उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर अपराधियों की तरह परेड कराई जा रही है। परेड आतंकियों की होनी चाहिए, न कि नागरिकों की।” उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार संविधान का गला घोंट रही है और अपने ही नागरिकों पर अत्याचार कर रही है।
पहलगाम आतंकी हमले पर जताया शोक और नाराजगी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले पर भी अजय राय ने शोक जताते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि “हर नागरिक इस कायराना हमले के खिलाफ एकजुट है। लेकिन वहां सुरक्षा में भारी चूक और इंटेलिजेंस फेलियर हुआ है।”
‘राफेल से सिर्फ नींबू-मिर्च बांधेंगे या वार भी करेंगे?’
उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री से तीखा सवाल पूछा:
“राफेल से कब वार होगा? उसमें नींबू-मिर्ची बांध कर रखना है या देश की सुरक्षा के लिए भी कुछ करना है?”
उनका इशारा सरकार की प्रचार-प्रधान नीति और दिखावटी राष्ट्रवाद की तरफ था।
भाजपा सरकार पर आरोपों की झड़ी
अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार अब अकर्मण्यता और कुशासन का प्रतीक बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि:
- महिला अपराध लगातार बढ़ रहे हैं
- दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है
- परीक्षाओं में भ्रष्टाचार चरम पर है
- आम जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही
पत्रकार वार्ता में ये नेता रहे मौजूद
इस पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहे, जिनमें महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, पार्षद दल नेता गुलशन अली, प्रदेश महासचिव ओमप्रकाश ओझा, प्रदेश सचिव पंकज सोनकर, फसाहत हुसैन बाबू, डॉ. राजेश गुप्ता, वकील अंसारी, सतनाम सिंह, विनोद सिंह कल्लू, मनीष मोरोलिया, विकास कौंडिल्य, रोहित दुबे, परवेज खां, विनीत चौबे प्रमुख हैं।