हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑15 मई : 2025
लखनऊ, 15 मई: आगामी 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कमर कस ली है। इसी क्रम में पार्टी द्वारा 17 मई को लखनऊ स्थित नेहरू भवन में एक विशेष ‘संगठन सृजन कार्यशाला’ का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे और संगठनात्मक मजबूती को लेकर दिशा-निर्देश साझा करेंगे।
यह कार्यशाला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के दिशा-निर्देशों के तहत आयोजित की जा रही है और इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को जमीनी स्तर पर मजबूत करना है। कांग्रेस नेतृत्व – मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा – के नेतृत्व में चल रहे ‘संगठन सृजन अभियान’ को यूपी में भी गति देने की कोशिश की जा रही है।
कार्यशाला में शामिल होंगे यह नेता
इस संगठनात्मक कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों और शहरों के कांग्रेस अध्यक्ष, जिला संयोजक, फ्रंटल संगठनों, विभागों और प्रकोष्ठों के अध्यक्ष भाग लेंगे। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से AICC महासचिव व यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर, महिला कांग्रेस प्रमुख अलका लांबा, मीडिया विभाग प्रमुख पवन खेड़ा, सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत, सेवादल के प्रमुख लालजी देसाई, युवा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभानु चिब, NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी, वॉर रूम प्रभारी शशिकांत सैंथिल, ओबीसी विभाग के डॉ. अनिल जयहिंद, एससी विभाग के राजेश लिलोठिया, और अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सांसद इमरान प्रतापगढ़ी शामिल होंगे और पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे।
इस आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए अविनाश पांडेय ने कहा,
“यह कार्यशाला पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। हमारा लक्ष्य एक ऐसा संगठन बनाना है जो भाजपा सरकार के कुशासन के खिलाफ जनता की सशक्त आवाज बन सके।”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि पार्टी पांच स्तरीय संगठन तैयार कर रही है – जिला, मंडल, ब्लॉक, न्याय पंचायत और बूथ स्तर पर। उन्होंने कहा,
“हम अहमदाबाद अधिवेशन में लिए गए निर्णयों को तय समयसीमा में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्य संगठन के साथ-साथ फ्रंटल संगठनों को भी सशक्त बनाया जाएगा।”
गौरतलब है कि कांग्रेस इन दिनों ‘भारत जोड़ो’ और ‘संगठन सृजन’ जैसे अभियानों के जरिए संगठनात्मक पुनर्गठन की दिशा में कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में पार्टी की स्थिति लंबे समय से कमजोर रही है, ऐसे में यह कार्यशाला कांग्रेस को नई ऊर्जा और दिशा देने का कार्य करेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस इस बार जमीनी स्तर पर संगठित ढांचा खड़ा करने में सफल होती है, तो 2027 के विधानसभा चुनावों में वह एक बार फिर मुकाबले में नजर आ सकती है। इस कार्यशाला से कार्यकर्ताओं में भी नया जोश भरने की उम्मीद जताई जा रही है।