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भदोही में दर्दनाक हादसा: विवाहिता ने तीन बच्चों के साथ तालाब में कूदकर दी जान

चार मौतों से कांप उठा शेरपुर गोपलहां गांव

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 11अप्रैल: 2025,

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के दुर्गागंज थाना क्षेत्र के शेरपुर गोपलहां गांव में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। विवाहिता अन्नू ने अपने तीन मासूम बच्चों के साथ गांव के ही तालाब में कूदकर आत्महत्या कर ली। एक-एक कर जब चारों के शव तालाब से बाहर निकाले गए, तो वहां मौजूद लोगों का कलेजा फट पड़ा। पूरा गांव मातम में डूब गया।


सुनील की जिंदगी में एक और गहरा जख्म

घटना ने अन्नू के पति सुनील की जिंदगी उजाड़ दी। चार दिन पहले ही उसने अपनी मां को खोया था और अब पत्नी और तीन बच्चों की असमय मौत ने उसे पूरी तरह तोड़ दिया। घटनास्थल पर वह बदहवास होकर रो रहा था और बार-बार यह कह रहा था—”काश मैं कमरे से बाहर न गया होता, तो यह सब न होता।”


घटनाक्रम: 3 बजे पति बाहर, 4 बजे मौत की ओर निकली अन्नू

शुक्रवार भोर में करीब तीन बजे सुनील अपने कमरे से 20 मीटर दूर बनी झोपड़ी (पाही) पर अपने पिता के पास गया था। इसी दौरान अन्नू अपने बच्चों—दिव्यांश, प्रिंस और परी के साथ घर से निकली और तालाब की ओर चली गई। पड़ोस की महिला अमृता ने उन्हें जाते देखा था लेकिन वह यह नहीं समझ सकी कि अन्नू आत्मघाती कदम उठाने जा रही है।


मोबाइल की रोशनी बनी सुराग, फिर शुरू हुआ रेस्क्यू

सुबह करीब साढ़े चार बजे गांव के जीतनारायण शौच के लिए तालाब की ओर गए थे। उन्हें मोबाइल की टॉर्च जलती दिखी, जिसे उठाकर वे घर ले आए। पांच बजे जब सुनील घर लौटा तो पत्नी के गायब होने पर उसने मोबाइल पर कॉल किया, जो जीतनारायण के पास मिला। इस जानकारी के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया।

तालाब के किनारे अन्नू की चप्पलें देख सभी को अनहोनी की आशंका हुई। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और खुद ही तालाब में उतरकर रेस्क्यू शुरू कर दिया।


स्थानीय युवाओं ने 9 घंटे तक किया रेस्क्यू, चारों शव निकाले गए

गांव के युवाओं और मल्लाहों ने करीब नौ घंटे तक लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। सबसे पहले दिव्यांश का शव मिला, फिर बारी-बारी अन्य बच्चों और अंत में अन्नू का शव तालाब से बाहर निकाला गया।


पड़ोसी अमृता की पीड़ा: “काश रोक लेती तो चार जिंदगियां बच जातीं”

अन्नू को बच्चों के साथ जाते हुए देखने वाली पड़ोसी महिला अमृता बिलखती रही। वह बार-बार खुद को दोष देती रही—”हमरा से गलती हो गईल… अगर हम रोक लेतीं, तो आज चार जिंदगियां बच जातीं।”


दिव्यांश को खास तौर पर घर बुलाया गया था

स्थानीय लोगों के अनुसार अन्नू के दिमाग में कुछ चल रहा था। उसने बुधवार शाम अपने छह वर्षीय बेटे दिव्यांश को, जो नाना के घर गया था, जबरन बुलाया था। उसने कहा कि दादी को पानी देना है, इसलिए भेज दीजिए। नाना ने उसे खुद घर छोड़ा था। अब बेटी के साथ नाती और नातिन को खोने का ग़म शीतला प्रसाद यादव के चेहरे से साफ झलकता है।


मौत की वजह अभी भी रहस्य, जांच में जुटी पुलिस

फिलहाल इस सामूहिक आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हैं, लेकिन सच्चाई क्या है, इसका पता जांच के बाद ही चल सकेगा।

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