हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 4 मई : 2025,
नई दिल्ली:
सीआरपीएफ (CRPF) से बर्खास्त किए गए जवान मुनीर अहमद ने पाकिस्तानी महिला मीनल खान से निकाह के मामले में खुद पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से न्याय की गुहार लगाई है। अहमद का कहना है कि उन्होंने सभी नियमों का पालन किया और विभाग को हर आवश्यक जानकारी समय रहते दे दी थी।
“मेरे पास सभी दस्तावेज़ और सबूत हैं” – मुनीर अहमद
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुनीर अहमद ने बताया कि उनकी पत्नी का वीजा समाप्त होने के बाद भी भारत में रहने की सूचना उन्होंने अधिकारियों को दी थी। उन्होंने कहा, “मेरे पास उसके सबूत हैं। मैंने सभी नियमों का पालन किया और जरूरी दस्तावेज भी विभाग को सौंपे।”
फरवरी में पत्नी आई, मार्च में ड्यूटी पर लौटे
अहमद ने कहा कि फरवरी 2024 में उनकी पत्नी भारत आई थी, जिसके बाद वे छुट्टी पर थे। 23 मार्च को वह दोबारा ड्यूटी पर लौटे और अधिकारियों को वीजा की कॉपी तथा लॉन्ग टर्म वीजा आवेदन की जानकारी दी। इसके बाद उनका ट्रांसफर भोपाल कर दिया गया, जबकि उनकी जम्मू-कश्मीर पोस्टिंग 2027 तक थी।
उन्होंने कहा, “मुझे न जॉइनिंग टाइम मिला और न ट्रेन टिकट। मैंने 41वीं बटालियन को जॉइन किया और इंटरव्यू में अपनी शादी की पूरी जानकारी दी।”
“2022 में ही सूचित कर दिया था”
मुनीर अहमद ने दावा किया कि उन्होंने विभाग को 2022 में ही इस शादी की जानकारी दे दी थी, जबकि निकाह 2024 में हुआ। उन्होंने सवाल उठाया, “जब मैंने पहले ही बता दिया था तो इसमें अवैधता कहाँ है?”
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा: सीआरपीएफ का पक्ष
सीआरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि मुनीर अहमद की हरकतें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती थीं। इसी कारण उन्हें बल से बर्खास्त किया गया है। हालांकि, अहमद इस आरोप को सिरे से खारिज करते हैं और इसे अन्यायपूर्ण बताते हैं।
पीएम और गृह मंत्री से न्याय की गुहार
अहमद ने अंत में कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपील करता हूं कि एक सच्चे जवान को न्याय मिलना चाहिए।”