हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: सोमवार 9 जून 2025 अलीगढ़
रिपोर्ट: संजय सक्सेना
अलीगढ़। जल संरक्षण और नगरीय सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही अमृत सरोवर परियोजना की प्रगति का सोमवार को महापौर प्रशांत सिंघल और नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नई बस्ती, शक्ति नगर पोखर और गूलर रोड पोखर सहित कई स्थलों का दौरा कर चल रहे कार्यों की वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
इस परियोजना के अंतर्गत शहर के प्रमुख जलाशयों को लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक और सुंदर स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे वर्षा जल संचयन, भूजल स्तर में सुधार और आसपास के पर्यावरण की स्थिति बेहतर हो सके।
निरीक्षण के दौरान महापौर और नगर आयुक्त गूलर रोड पंपिंग स्टेशन पहुंचे, जहां सम्पवेल की नियमित सफाई नहीं होने पर दोनों अधिकारियों ने गहरी नाराजगी जताई। नगर आयुक्त ने ठेकेदार के खिलाफ आर्थिक दंड लगाने और शोकॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

शक्ति नगर पोखर की डिजाइन पर सवाल
शक्ति नगर पोखर की खुदाई और सौंदर्यीकरण कार्य की डिजाइन पर असंतोष जताते हुए नगर आयुक्त ने मुख्य अभियंता सुरेश चंद से संबंधित फाइल तत्काल तलब की। साथ ही परियोजना में अनियमितताओं को देखते हुए सहायक अभियंता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
खैर रोड जलभराव समस्या पर तत्परता
निरीक्षण के दौरान अधिकारी खैर रोड भी पहुंचे, जहां स्थानीय निवासियों ने जलभराव की गंभीर समस्या से अवगत कराया। फीडबैक सुनने के बाद नगर आयुक्त ने सीएम ग्रिड योजना के अंतर्गत कार्य कर रही एजेंसी मेसर्स पीपीएस पर आर्थिक दंड लगाने और मौके पर मौजूद अवर अभियंता गिरीश कुमार को तत्काल जल निकासी सुनिश्चित कराने के आदेश दिए।
इस निरीक्षण में मुख्य अभियंता सुरेश चंद, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार, अधिशासी अभियंता विजेंद्र पाल सिंह, सहायक अभियंता राजवीर सिंह समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने स्पष्ट किया कि “अमृत सरोवर परियोजना में किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करना सभी अधिकारियों और ठेकेदारों की जिम्मेदारी है।”
वहीं महापौर प्रशांत सिंघल ने कहा कि “अलीगढ़ को जल संरक्षण और हरियाली के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए अमृत सरोवर जैसी परियोजनाएं हमारी प्राथमिकता में हैं। इस दिशा में कोई भी कोताही शहर के हितों के साथ समझौता मानी जाएगी।”