हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 8 मई : 2025,
इगलास (अलीगढ़) – ग्राम पंचायत महुआ में मनरेगा के तहत हुए कार्यों में भारी अनियमितताएं उजागर हुई हैं। लोकपाल विकास वार्ष्णेय द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ है कि ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक ने आपसी मिलीभगत से करीब ₹3.27 लाख का गबन किया है।
ग्रामवासियों ने की थी शिकायत
महुआ गांव के अंशुल शर्मा, जयवीर और रोहित सिंह ने लोकपाल से शिकायत की थी कि पंचायत में चल रहे मनरेगा कार्यों में भ्रष्टाचार हो रहा है। शिकायत की पुष्टि के लिए लोकपाल ने खुद मौके पर पहुंचकर प्रधान, सचिव, शिकायतकर्ता और ग्रामीणों के साथ पौधरोपण स्थलों और तालाब की सफाई कार्यों की जांच की।
पौधरोपण में बड़ा फर्जीवाड़ा
जांच में पाया गया कि दो वर्षों में ढाई हजार पौधे लगाने का दावा किया गया, जिसके लिए लगभग ₹2.34 लाख रुपये खर्च किए गए। पौधे वन विभाग से न लेकर निजी एजेंसी से ₹80 प्रति पौधा की दर से खरीदे गए, लेकिन एक भी पेड़ मौके पर नहीं मिला।
तालाब सफाई पर भी उठे सवाल
तालाब की सफाई और खुदाई पर ₹93 हजार रुपये खर्च दिखाए गए, लेकिन तालाब में जलकुंभी भरी मिली, जिससे साफ है कि कार्य ठीक से नहीं किया गया।
लोकपाल का सख्त रुख
लोकपाल ने ग्राम प्रधान प्रेमपाल सिंह, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक के खिलाफ रिकवरी और एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कार्य में शिथिलता बरतने और शासनादेशों की अनदेखी करने पर बीडीओ और एपीओ पर ₹1000-1000 का जुर्माना भी लगाया गया है।