हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 21 मई : 2025
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने 9 मई को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 2018 के बाद शैक्षिक योग्यता पूरी कर आवेदन करने वाले और चयनित सहायक अध्यापकों की सेवा तत्काल समाप्त कर दी जाए।
यह आदेश करीब 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में हुई अनियमितताओं को लेकर आया है, जिसमें कई ऐसे शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने 2018 की तय तिथि के बाद आवेदन किया और नियुक्ति प्राप्त की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि 2018 के बाद आवेदन करने वाले अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे और उनके नियुक्ति पत्र निरस्त किए जाएंगे।
भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं और हाईकोर्ट का सख्त रुख
2018 तक प्राथमिक सहायक अध्यापक भर्ती के आवेदन की अंतिम तिथि निर्धारित थी, लेकिन इसके बाद भी कई अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। कुल तीन चरणों में इस भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्ति हुई, जिसमें:
- पहले चरण में 31,277 शिक्षकों को अक्टूबर 2020 में नियुक्ति मिली थी,
- दूसरे चरण में दिसंबर 2020 में नियुक्ति दी गई,
- तीसरे चरण में 6,696 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था।
इनमें से कई शिक्षक पिछले लगभग 5 वर्षों से सेवा में कार्यरत थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा है कि 2018 के बाद चयनित अभ्यर्थी भर्ती के पात्र नहीं हैं, इसलिए उनकी सेवाएं समाप्त की जाएं।
दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी
सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने साफ निर्देश दिए हैं कि इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों और चयन समिति के सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, चयन में शामिल सभी बीएसए के कार्यकाल का विवरण भी मांगा गया है ताकि पूरी जांच की जा सके।
यह स्पष्ट किया गया है कि भ्रष्टाचार और भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की जिम्मेदारी तय कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पहले भी हुई थी चेतावनी, अब कड़ा आदेश जारी
इस मामले में पहले भी बेसिक शिक्षा परिषद ने 29 जिलों के बीएसए को पत्र जारी कर नियुक्ति में हुई अनियमितताओं पर ध्यान देने को कहा था, लेकिन अब सचिव ने 9 मई को सभी बीएसए को स्पष्ट आदेश दिया है कि तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करें और 2018 के बाद नियुक्त सहायक अध्यापकों की सेवाएं समाप्त करें।