हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अमेरिका में घातक ड्रग फेंटेनाइल को राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा घोषित करने की तैयारी तेज हो गई है। चर्चा यहां तक पहुंच चुकी है कि इसे Weapon of Mass Destruction (WMD) घोषित किया जाए। ट्रंप प्रशासन के पूर्व बॉर्डर जार टॉम होमैन ने खुलासा किया कि छह महीने पहले डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की बैठक में इस प्रस्ताव पर गंभीर चर्चा हुई थी। तर्क यह है कि यदि कोई आतंकवादी संगठन या दुश्मन देश फेंटेनाइल का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर दे, तो यह कुछ ही क्षणों में हजारों लोगों की जान ले सकता है, इसलिए इसे केवल ड्रग नहीं, बल्कि संभावित हथियार माना जा रहा है।
फेंटेनाइल की खतनाक क्षमता ही अमेरिका की चिंता का मूल कारण है। यह एक सिंथेटिक ओपिओइड है जो मॉर्फिन से 50 गुना और हेरोइन से 100 गुना अधिक शक्तिशाली होता है। इसकी मामूली मात्रा भी जानलेवा साबित हो सकती है। DEA ने 2024 में 380 मिलियन से अधिक घातक डोज बरामद की थीं, जो पूरी अमेरिकी आबादी को एक बार में खत्म करने के लिए काफी थीं। इसने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में ला दिया है।
हालांकि, विरोध करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि फेंटेनाइल को WMD घोषित करना एक राजनीतिक कदम ज्यादा है। उनका तर्क है कि यह मुद्दा मुख्यतः पब्लिक हेल्थ और नशा मुक्ति से जुड़ा है, न कि सैन्य खतरे से। फेंटेनाइल की स्मगलिंग ज्यादातर चीन और मेक्सिको से होती है, और इसका उद्देश्य लोगों को मारना नहीं, बल्कि अवैध नशा बाजार में मुनाफा कमाना होता है। साथ ही, 2024 में ओवरडोज मौतों में 26.9% की कमी दर्ज की गई है, जिससे संकेत मिलता है कि स्थिति थोड़ी सुधर रही है। बावजूद इसके, अमेरिका में फेंटेनाइल को लेकर बहस अभी भी जारी है।

















