हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अयोध्या में रविवार को एक बड़ी क्षति हुई। राम मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ ट्रस्टी और अयोध्या राज परिवार के उत्तराधिकारी विमलेंद्र मोहन मिश्र उर्फ पप्पू मिश्र का निधन हो गया। उन्होंने अयोध्या राज सदन में अंतिम सांस ली। लोगों के बीच वे “राजा अयोध्या” के नाम से प्रसिद्ध थे। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
सामाजिक और राजनीतिक जगत में शोक
विमलेंद्र मोहन मिश्र को न सिर्फ धार्मिक जगत, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में भी गहरी श्रद्धा और सम्मान प्राप्त था। सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि “विमलेंद्र मोहन मिश्र केवल नाम के राजा नहीं थे, बल्कि दिल के भी राजा थे। उनका जाना अपूरणीय क्षति है।”
बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी उनके निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि “मैं भगवान और अल्लाह से उनकी आत्मा की शांति की दुआ करता हूं।”
श्रद्धांजलि देने पहुंचे कई बड़े नेता और अधिकारी
राज परिवार के इस उत्तराधिकारी के निधन पर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सपा के पूर्व मंत्री पवन पांडे, भाजपा नेता अभिषेक मिश्रा, अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता सहित अनेक वरिष्ठ नेता और गणमान्य लोग राज सदन पहुंचे। इसके अलावा कमिश्नर, आईजी, डीएम और एसएसपी जैसे उच्च प्रशासनिक अधिकारी भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
राजनीति और राम मंदिर से रहा गहरा जुड़ाव
विमलेंद्र मोहन मिश्र राजनीति में भी सक्रिय रहे। उन्होंने बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद, प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश पर तत्कालीन कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने उन्हें मंदिर का रिसीवर और वरिष्ठ सदस्य के रूप में राम मंदिर का कार्यभार सौंपा था।
अयोध्या ने खोया एक सम्मानित व्यक्तित्व
विमलेंद्र मोहन मिश्र का व्यक्तित्व सभी वर्गों में सम्मानित और लोकप्रिय था। वे न केवल अयोध्या राज परिवार के प्रतीक थे, बल्कि धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन में उनकी अलग पहचान थी। उनके निधन से अयोध्या ने एक ऐसा व्यक्तित्व खो दिया है, जिसकी भरपाई लंबे समय तक संभव नहीं होगी।