लखनऊ, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज।
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी पैन कार्ड बनवाने के मामले में रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 7–7 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनते ही अदालत में मौजूद पुलिसकर्मियों ने दोनों को हिरासत में लेकर रामपुर जेल भेज दिया, जहां उनके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
यह मामला वर्ष 2019 का है, जब भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि आजम खां और उनके बेटे ने गलत जानकारी देकर फर्जी पैन कार्ड हासिल किया था। लंबी सुनवाई और दस्तावेज़ी साक्ष्यों की जांच के बाद कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया।
104 मुकदमों में से 6 में सजा
आजम खां पर कुल 104 केस दर्ज हैं। अब तक कोर्ट 11 मामलों में फैसला सुना चुकी है, जिसमें 6 मामलों में आजम को सजा और 5 में बरी किया गया है। यह फैसला आजम खां के खिलाफ सजा पाए मामलों में एक और बड़ा जुड़ाव माना जा रहा है।
कुछ महीने पहले ही हुए थे रिहा
आजम खां को 23 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहाई मिली थी, जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को लगभग 9 महीने पहले हरदोई जेल से रिहा किया गया था। लेकिन आज के फैसले के बाद दोनों को एक बार फिर से जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा है।
इस फैसले ने उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मियों में एक बार फिर हलचल बढ़ा दी है। यह मामला आने वाले समय में सियासी तौर पर भी प्रभाव डाल सकता है क्योंकि आजम खां लंबे समय से यूपी की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।

















