हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 25 अप्रैल: 2025,
मुरादाबाद आयुक्त की अदालत ने 20 करोड़ रुपये के सेस का आदेश निरस्त किया
समाजवादी पार्टी के महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खान को एक और मामले में बड़ी राहत मिली है। उन्हें यह राहत मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह की अदालत से मिली है। यह मामला मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट से जुड़ा है, जिस पर 20 करोड़ रुपये का बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन वेलफेयर सेस लगाया गया था।
आंजनेय कुमार सिंह ने किया आदेश निरस्त
24 अप्रैल 2025 को आंजनेय कुमार सिंह की अदालत ने रामपुर के सहायक श्रमायुक्त के 2018 के आदेश को निरस्त करते हुए आजम खान को राहत दी। उन्होंने इस आदेश को मनमाना और नैतिक न्याय के विपरीत बताते हुए यह भी कहा कि साक्ष्यों और दस्तावेजों का ठीक से अवलोकन किए बिना ही यह सेस निर्धारित किया गया था।
यूनिवर्सिटी का निर्माण और विवाद
मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय रामपुर का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है। इस विश्वविद्यालय के निर्माण पर 147.20 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, और यह कार्य यूपी पीडब्ल्यूडी और यूपी निर्माण निगम द्वारा कराया गया था।
सेस की मांग के बाद, विश्वविद्यालय ने इसे समाप्त करने के लिए 2017 में प्रार्थना पत्र भेजा था, लेकिन इसे निरस्त कर दिया गया था। आंजनेय कुमार सिंह की अदालत ने माना कि यदि विश्वविद्यालय को सही समय पर अपनी पूरी जानकारी प्रस्तुत करने का अवसर मिलता, तो निर्माण व्यय का सही आंकलन किया जा सकता था।
अदालत का निर्णय और राहत
आंजनेय कुमार सिंह की अदालत ने रामपुर के सहायक श्रमायुक्त द्वारा दिए गए आदेश को गलत और गलत तरीके से पारित किया गया बताते हुए उसे निरस्त कर दिया। अब रामपुर के सहायक श्रमायुक्त को साक्ष्य और सुनवाई के आधार पर फिर से आदेश पारित करने का निर्देश दिया गया है।