हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ सोशल मीडिया पर प्रसारित आपत्तिजनक और अपमानजनक सामग्री को तुरंत हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह सख्त निर्देश फेसबुक और इंस्टाग्राम का संचालन करने वाली कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक को दिया है। आदेश के अनुसार, मेटा को 48 घंटे के भीतर संबंधित सभी पोस्ट, वीडियो और सामग्री हटानी होगी।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि सोशल मीडिया पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ झूठी और अपमानजनक टिप्पणियाँ की जा रही हैं, जिससे न केवल उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है, बल्कि उनके अनुयायियों की धार्मिक भावनाएँ भी आहत हो रही हैं। इस पर अदालत ने टिप्पणी की कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
कोर्ट ने मेटा से यह भी कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों में निगरानी बढ़ाई जाए ताकि धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्वों के खिलाफ झूठी सूचनाओं का प्रसार न हो। यह आदेश सोशल मीडिया पर फेक और आपत्तिजनक कंटेंट के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण कानूनी मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।















