हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 21 मई : 2025
एटा (जलेसर), 21 मई 2025: जलेसर क्षेत्र के मोहल्ला सादात में रहने वाले युवक दीपक की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने उसकी पत्नी निशा और उसके प्रेमी करन को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह मामला होली के त्योहार के ठीक बाद का है, जब दीपक का शव 16 मार्च की सुबह उसके मकान के पास एक पेड़ से लटका हुआ मिला था।
पुलिस जांच के अनुसार, दीपक की पत्नी निशा का मोहल्ले के ही युवक करन से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। जब दीपक ने इस पर आपत्ति जताई और टोका-टाकी की, तो निशा जनवरी माह में करन के साथ घर छोड़कर चली गई थी। हालांकि वह 13 मार्च को वापस लौटी, लेकिन अपने पति दीपक के घर आने की बजाय करन के घर पर ही रुक गई।
14 मार्च को होली का पर्व था। इसके अगले दिन 15 मार्च की रात को दीपक के भाई लवकुश के अनुसार, मोहल्ले के ही युवक अजय और मनोज उनके घर आए और दीपक को यह कहकर साथ ले गए कि उसकी पत्नी निशा, उसकी बहन संगीता और बहनोई विपिन करन के घर पर मौजूद हैं और बातचीत करनी है। दीपक उनके साथ चला गया।
काफी देर हो जाने पर जब दीपक घर नहीं लौटा तो लवकुश ने करन के घर जाकर जानकारी ली, जहां बताया गया कि “बातचीत चल रही है”। इसके बाद वह वापस घर लौट आया। लेकिन अगली सुबह जब दीपक के बारे में पूछताछ की गई तो मालूम हुआ कि वह रात भर घर नहीं आया था। तलाश करने पर पास ही एक पेड़ से उसका शव लटका हुआ मिला।
घटना के तुरंत बाद मृतक के भाई लवकुश ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और आठ लोगों—करन, मनोज, अजय, भोला, योगेश, दीपक के साढ़ू विपिन, निशा और संगीता—पर हत्या का आरोप लगाया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन सभी आरोपी फरार हो चुके थे।
इस पूरे मामले की गहराई से जांच के बाद कोतवाली प्रभारी डॉ. सुधीर राघव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर यह मामला हत्या का नहीं बल्कि आत्महत्या का पाया गया है। जांच में यह सामने आया कि पत्नी निशा और करन द्वारा किए गए मानसिक उत्पीड़न और अपमान के चलते दीपक ने यह कदम उठाया।
कोतवाली पुलिस ने धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज कर दीपक की पत्नी निशा और उसके प्रेमी करन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। शेष आरोपियों की भूमिका की जांच अभी जारी है।
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि घरेलू विवादों को बातचीत और पारिवारिक स्तर पर सुलझाने का प्रयास करें, किसी भी तरह के मानसिक दबाव या उत्पीड़न की स्थिति में तुरंत कानून की सहायता लें।