हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 10 मई : 2025,
एटा (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा-2023 में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। मेडिकल परीक्षण की अंतिम प्रक्रिया में अभ्यर्थियों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली का मामला सामने आया है। यह सारा घोटाला एटा ज़िले में हुआ, जहां भर्ती प्रक्रिया के अंतिम चरण — मेडिकल परीक्षण — के दौरान अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उन्हें पास किया जा रहा था।
सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
घोटाले की परतें सीसीटीवी फुटेज से खुलीं, जिसमें पैसे का लेनदेन होते हुए साफ देखा जा सकता है। वीडियो में सुमित्रा डायग्नोस्टिक सेंटर पर डॉक्टरों को अभ्यर्थियों से पैसे लेते हुए देखा गया है। पुलिस अब वीडियो में नजर आने वाले सभी अभ्यर्थियों से पूछताछ करेगी।
755 अभ्यर्थियों के मेडिकल की थी जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार, एटा में कुल 755 अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण कराया जाना था, जिसके लिए पुलिस लाइन में प्रक्रिया संचालित की गई। यह नौकरी पाने की अंतिम और सबसे निर्णायक प्रक्रिया थी। इसी का फायदा उठाकर कथित चिकित्सकों ने डर और प्रलोभन का खेल खेला।
एक लाख रुपये में पास कराने का सौदा
शुरुआती जांच में पता चला है कि भर्ती परीक्षा पास करने के इच्छुक अभ्यर्थियों को मेडिकल में फेल करने की धमकी देकर उनसे एक लाख रुपये तक वसूले जा रहे थे। यह सारा खेल सुमित्रा डायग्नोस्टिक सेंटर में चल रहा था, जहां पहले अभ्यर्थियों को बुलाकर उनकी फिजिकल जांच की जाती थी, कमियाँ बताई जाती थीं और फिर रुपये लेकर उन्हें फिट घोषित किया जाता था।
एडीएम और एएसपी ने की सेंटर की जांच
बृहस्पतिवार को एडीएम प्रशासन सत्य प्रकाश और एएसपी राजकुमार सिंह ने खुद डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच की। वहाँ मौजूद कर्मचारी लवकुश ने पुष्टि की कि वीडियो में दिख रहे युवक मेडिकल परीक्षण के लिए आए अभ्यर्थी थे।
डॉ. अनुभव अग्रवाल और डॉ. राहुल वार्ष्णेय गिरफ्तार
तीन मई को रिकॉर्ड की गई वीडियो फुटेज में डॉ. अनुभव अग्रवाल अपने सहयोगियों के साथ पैसे का लेनदेन करते दिखे। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर राहुल वार्ष्णेय की भी संलिप्तता पाई गई। कोतवाली नगर पुलिस ने शुक्रवार को दोनों चिकित्सकों को डायग्नोस्टिक सेंटर से गिरफ्तार कर लिया।
चिकित्सकों का मेडिकल परीक्षण थाने में ही
आश्चर्यजनक रूप से, गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दोनों चिकित्सकों का मेडिकल परीक्षण कोतवाली परिसर में ही करवा लिया, जबकि आमतौर पर ऐसे मामलों में मेडिकल कॉलेज या सरकारी अस्पताल में परीक्षण कराया जाता है। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
एसएसपी का बयान
एसएसपी श्याम नारायण सिंह ने कहा कि, “हर पहलू पर गंभीरता से जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

















