हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: गुरुवार 03 जुलाई 2025
मुंबई की चर्चित दिशा सालियान मौत मामले में महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बड़ा बयान दिया है। सरकार की ओर से साफ किया गया है कि दिशा सालियान की मौत आत्महत्या थी और इसमें किसी भी तरह का कोई संदेह नहीं है। फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान (उम्र 28 वर्ष) की 9 जून, 2020 को मुंबई के मालाड इलाके में एक ऊंची इमारत की 14वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी।
दिशा के पिता ने की CBI या SIT से जांच की मांग
दिशा सालियान के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच CBI या मुंबई पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) से कराने की मांग की थी। उनका आरोप है कि दिशा की मौत एक सामान्य हादसा नहीं बल्कि बर्बर रेप और हत्या थी, जिसे राजनीतिक रूप से दबाने की कोशिश की गई। उन्होंने इस मामले में तत्कालीन मंत्री आदित्य ठाकरे की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए उनके खिलाफ FIR की मांग की है।
सरकार की सफाई- सबूतों के आधार पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल
राज्य सरकार की ओर से मालवणी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक शैलेन्द्र नागरकर ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। उन्होंने बताया कि दिशा सालियान की मौत की जांच वैज्ञानिक तरीके से की गई और फॉरेंसिक तथा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर कोई आपराधिक साजिश नहीं पाई गई। इसी आधार पर क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है। उन्होंने याचिका में लगाए गए सभी आरोपों को “आधारहीन और निराधार” करार दिया।
क्या है पूरा मामला?
दिशा सालियान एक जानी-मानी सेलिब्रिटी मैनेजर थीं। उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत, वरुण शर्मा, भारती सिंह जैसे कलाकारों के साथ काम किया था। वह टीवी अभिनेता रोहन राय के साथ रिश्ते में थीं और उनकी सगाई भी हो चुकी थी।
8 जून 2020 की रात दिशा की मौत की खबर आई, और ठीक छह दिन बाद 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने पूरे देश को हिला दिया। दोनों मामलों के तार जोड़े जाने लगे और हाई-प्रोफाइल जांच की मांग उठी।
इस मुद्दे को 2022 में महाराष्ट्र विधानसभा में भी उठाया गया था। शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक भरत गोगावले और बीजेपी विधायक नितेश राणे ने इस मामले में आदित्य ठाकरे का नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी।
हाईकोर्ट में अब अगली सुनवाई पर टिकी नजरें
अब यह देखना अहम होगा कि बॉम्बे हाईकोर्ट दिशा सालियान के पिता की याचिका पर क्या रुख अपनाता है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से क्लोजर रिपोर्ट और फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर साफ कर दिया गया है कि मामले में कोई आपराधिक तत्व नहीं है।