हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 26 अप्रैल: 2025,
लखीमपुर खीरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। इस हमले में मारे गए पर्यटकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सीएम योगी ने आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दोहराया।
सीएम योगी ने कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नया भारत किसी को छेड़ता नहीं है, लेकिन अगर कोई भारत को छेड़ेगा, तो उसे छोड़ेगा भी नहीं।”
उन्होंने आतंकवाद और अराजकता के लिए भारत में कोई जगह न होने की बात दोहराई। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत सरकार का मॉडल सुरक्षा, सेवा और सुशासन पर आधारित है, जो गरीब कल्याण और सबकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। लेकिन अगर कोई देश की सुरक्षा में सेंध लगाने का दुस्साहस करेगा, तो उसे उसी भाषा में जवाब मिलेगा।
आतंकवाद पर सीएम योगी का स्पष्ट संदेश: सभ्य समाज में आतंक के लिए नहीं है जगह
सीएम योगी ने कहा कि एक विकसित, सुरक्षित और समृद्ध भारत के निर्माण में आतंकवाद जैसी कुरीतियों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने इस कायराना हमले को मानवता के खिलाफ अपराध करार देते हुए देशवासियों को भरोसा दिलाया कि भारत हर चुनौती का डटकर सामना करेगा।
सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला: “जाति के नाम पर करते हैं समाज को विभाजित”
सभा में आगे बढ़ते हुए सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों पार्टियाँ समाज को जाति के नाम पर बांटने का कार्य कर रही हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा,
“सपा और कांग्रेस का इतिहास राष्ट्र विरोधी विचारधारा से भरा हुआ है। एक ओर ये लोग छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महान योद्धाओं का अपमान करते हैं, वहीं दूसरी ओर औरंगजेब और बाबर जैसे आक्रांताओं का महिमामंडन करते हैं।”
सीएम योगी ने याद दिलाया कि औरंगजेब जैसे शासक हिंदुओं पर जजिया कर लगाते थे और मंदिरों को नष्ट करते थे। उन्होंने सपा पर राणा सांगा जैसे वीर योद्धाओं का अपमान करने का भी आरोप लगाया।
मुख्य बिंदु:
- सीएम योगी ने पहलगाम हमले की निंदा की और शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
- आतंकवाद और अराजकता के खिलाफ भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दोहराया।
- सपा और कांग्रेस पर समाज को जाति के नाम पर बांटने का आरोप लगाया।
- ऐतिहासिक योद्धाओं के अपमान और आक्रांताओं के महिमामंडन पर विरोध जताया।