हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 23 मई : 2025
आगरा के थाना हरी पर्वत क्षेत्र के देहली गेट स्थित एक निजी अस्पताल में संविधान रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर और भगवान बुद्ध की मूर्तियों को अस्पताल के फर्श पर टाइल्स के रूप में लगाने का विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले की जानकारी मिलते ही बसपा और भीम आर्मी के कार्यकर्ता, जो डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायी हैं, अस्पताल पहुंच गए और जोरदार प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने अस्पताल के संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
घटना का पूरा विवरण
मामला उस निजी अस्पताल का है जहां अस्पताल के फर्श में डॉ. भीमराव अंबेडकर और भगवान बुद्ध की मूर्तियां टाइल्स के रूप में लगाई गई हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अस्पताल संचालक ने जानबूझकर ऐसी जगह इन मूर्तियों को फर्श पर लगाया है जहां से लोग गुज़रते वक्त उनके ऊपर पैर रखते हैं। इससे अंबेडकर और बुद्ध के अनुयायियों की भावनाएं आहत हुईं।
कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान पुलिस को सूचना मिली और मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। हालांकि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। नियंत्रण बनाए रखने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया।
प्रदर्शनकारियों की मांग और अल्टीमेटम
प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल संचालक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर तीन दिन के अंदर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन की योजना बनाएंगे। इस बीच पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी घटना स्थल और थाने पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच
एडिशनल डीसीपी आदित्य कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग नारेबाजी कर रहे हैं। जांच के दौरान यह पता चला कि अस्पताल की छत पर लगी बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति को कुछ शरारती तत्वों ने क्षतिग्रस्त किया है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
वर्तमान स्थिति और आगे का रास्ता
- अस्पताल संचालक के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, यह तीन दिन के भीतर साफ होगा।
- पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और प्रशासन भी सतर्क है।
- कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर प्रतिबद्ध हैं और मामले पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं।
- स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए प्रयास जारी हैं, लेकिन आंदोलन की भी धमकी बनी हुई है।
यह मामला आगरा में सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील है क्योंकि डॉ. भीमराव अंबेडकर और भगवान बुद्ध के सम्मान को लेकर यह विवाद गहरा असर डाल सकता है। इसीलिए प्रशासन और पुलिस पूरी सतर्कता के साथ मामले को संभालने में जुटी है।