नई दिल्ली।हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही प्रतिष्ठित एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट के पहले ही दिन क्रिकेट जगत में बड़ा विवाद खड़ा हो गया। एडिलेड ओवल में शुरू हुए इस मुकाबले में जहां पहले दिन कुल 18 विकेट गिरने से मैच रोमांचक रहा, वहीं स्ट्रिकोमीटर (Snickometer) तकनीक को लेकर हुए फैसले ने इंग्लैंड टीम, फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों को नाराज कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि मामला सोशल मीडिया से निकलकर आईसीसी तक पहुंच गया है।
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 371 रन पर सिमट गई। इसके जवाब में इंग्लैंड ने दिन का खेल खत्म होने तक 8 विकेट पर 213 रन बना लिए। हालांकि, मैच के स्कोर से ज्यादा चर्चा 63वें ओवर में हुई उस घटना की रही, जिसने तकनीक की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए।
ऑस्ट्रेलियाई पारी के दौरान जोश टंग 63वां ओवर कर रहे थे। उनकी एक गेंद पर बल्लेबाज एलेक्स कैरी बीट हुए और गेंद विकेटकीपर के दस्तानों में चली गई। इंग्लैंड के खिलाड़ियों, खासकर जेमी स्मिथ, ने कैच की जोरदार अपील की, लेकिन मैदानी अंपायर ने उसे ठुकरा दिया। इसके बाद कप्तान बेन स्टोक्स ने डीआरएस का सहारा लिया।
थर्ड अंपायर ने जब रिप्ले देखा तो स्ट्रिकोमीटर पर एक स्पाइक दिखाई दी, लेकिन दो-तीन फ्रेम बाद वह गायब हो गई। टीवी अंपायर ने बैट और बॉल के बीच गैप बताते हुए एलेक्स कैरी को नॉट आउट करार दिया। यही फैसला इंग्लैंड के लिए विवाद की जड़ बन गया। इंग्लिश खिलाड़ियों और दर्शकों का मानना था कि स्ट्रिकोमीटर स्पाइक का मतलब साफ एज है और बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए था।
मैच के बाद इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट ने नाराजगी जाहिर की। रिपोर्ट्स के अनुसार, कोच ब्रेंडन मैकुलम और टीम मैनेजर वेन बेंटली ने मैच रेफरी जेफ क्रो से औपचारिक शिकायत की। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने भी आईसीसी से रिव्यू सिस्टम और तकनीक में सुधार की मांग की है।
विवाद बढ़ने पर स्ट्रिकोमीटर ऑपरेटर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी। उन्होंने बताया कि ऑडियो प्रोसेसिंग के दौरान गलत स्टंप माइक का चयन हो गया था, जिससे स्पाइक दिखाई दी। इंग्लैंड के गेंदबाजी कोच डेविड सेकर ने भी इस तकनीक पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे फैसले मैच की दिशा बदल सकते हैं।
अब क्रिकेट जगत में स्ट्रिकोमीटर की विश्वसनीयता और इसे हटाने या सुधारने की मांग तेज हो गई है।













