हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ बुधवार 4 जून 2025
भदोही/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में पिछले वर्ष एक नाबालिग नौकरानी की रहस्यमय मौत के मामले में समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक जाहिद बेग, उनकी पत्नी सीमा बेग और बेटे नईम बेग के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही है। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 6 जून 2025 तक का अंतिम अवसर दिया है। यह सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ में हो रही है।
क्या है पूरा मामला?
घटना 9 सितंबर 2024 की है, जब भदोही के मलिकाना मोहल्ले में सपा विधायक जाहिद बेग के आवास पर एक नाबालिग घरेलू नौकरानी मृत पाई गई थी। पुलिस जांच में सामने आया कि किशोरी ने एक दिन पहले यानी 8 सितंबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस दुखद घटना ने जिले सहित पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था।
किस पर लगे हैं क्या आरोप?
पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आए कि नाबालिग से मजदूरी करवाई जा रही थी और उस पर अत्यधिक मानसिक दबाव डाला जा रहा था। मृतका के परिजनों ने भी आरोप लगाया था कि लड़की से लगातार काम कराया जा रहा था, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थी।
इस मामले में विधायक जाहिद बेग, उनकी पत्नी सीमा बेग और बेटे नईम बेग पर बाल श्रम और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था।
वर्तमान स्थिति क्या है?
- विधायक जाहिद बेग और उनके बेटे नईम बेग वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं और उन्होंने जेल से नियमित जमानत याचिका दायर की है।
- सीमा बेग अब भी फरार चल रही हैं। पुलिस उनके खिलाफ गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
- सीमा बेग ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है।
अब इन तीनों की जमानत अर्जियों पर 6 जून को एक साथ सुनवाई होगी।
सरकार को जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि वह 6 जून तक अपना जवाब दाखिल करे। इसके बाद अदालत इस बहुचर्चित मामले पर अगली कार्यवाही करेगी।
सामाजिक चिंता का विषय बना मामला
यह मामला केवल एक आपराधिक केस नहीं बल्कि समाज में जारी बाल श्रम और घरेलू नौकरानियों के शोषण की गहरी समस्या को भी उजागर करता है। यह सवाल भी उठ रहा है कि कैसे जनप्रतिनिधियों के घरों में नाबालिग बच्चियों को मजदूरी के लिए लाया जाता है और उन पर किस तरह का मानसिक दबाव बनाया जाता है।